image: grass battery innovation in almora university

पहाड़ में गजब का आविष्कार, जंगली घास से तैयार की गई बैटरी..भारत सरकार ने दिया सम्मान

कहते हैं हुनर कभी मंच का मोहताज नहीं होता। अल्मोड़ा आवासीय विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने वाकई कमाल किया है। अल्मोड़ा से हमारे संवाददाता हरीश भंडारी की रिपोर्ट जरूर पढ़ें...
Feb 16 2020 5:47AM, Writer:कोमल नेगी

एक अच्छी सोच ही नए आविष्कार की जननी होती है। ये बात साबित की है अल्मोड़ा के आवासीय विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विपिन जोशी और उनकी टीम ने एक नया आविष्कार किया है। अपने शोध से ग्रफीन ऑक्साइड वाली बैटरी का निर्माण किया है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि ये बैटरी स्थानीय जंगली घास से तैयार की गई है। जंगली घास का संस्लेषण करने के बाद उसे बर्न करके कार्बाइन बनाया गया। जिससे बैटरी का निर्माण किया गया है। आपको जानकर खुशी होगी कि इसके लिए विश्वविद्यालय को भारत सरकार रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है। अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विपिन जोशी ने बताया कि जंगली घास से ग्रफीन तैयार किया जाता है, जिससे खराब बैटरी काम करना शुरू कर देगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनेक ऐसे शोध कार्य कर रहा है जिससे यहाँ के छात्रों इसका लाभ मिल रहा है। आम तौर पर जब बैटरी खराब हो जाती है, तो आप उसे फेंक देते हैं। लेकिन अब इस शोध के बाद बैटरी के खराब होने के बावजूद उसका इलेक्ट्रोड बदल कर सही किया जा सकेगा। यह बैटरी सल्फर आयन आधारित होगी। अब तक की बैटरी में लिथियम आयन का उपयोग किया जाता था जो कुछ समय बाद खराब हो जाता था। इस शोध के बाद अब बैटरी फिर से जीवित हो सकती है। है न कमाल का आविष्कार ?


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