उत्तराखंड के लिए गौरवशाली खबर, सेना में अफसर बनेंगी शहीद विभूति ढौंडियाल की पत्नी
आतंकी हमले में पति को खोने वाली निकिता (nikita vibhuti dhaundiyal) में गजब का साहस है। पति की शहादत के बाद वो परिवार की हिम्मत बनी, परिजनों को सहारा दिया। अब ये वीरांगना सेना में अफसर बन पति को सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहती है...
Feb 18 2020 10:14AM, Writer:कोमल नेगी
पिछले साल पुलवामा में आतंकियों के खिलाफ चले ऑपरेशन में शहीद होने वाले मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी निकिता ढौंडियाल (nikita vibhuti dhaundiyal) जल्द ही सेना की वर्दी में नजर आएंगी। आतंकी हमले में पति को खोने वाली निकिता में गजब का साहस है। पति की शहादत के बाद वो परिवार की हिम्मत बनीं, परिजनों को सहारा दिया। अब ये वीरांगना सेना में अफसर बन पति को सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहती है। निकिता ढौंडियाल (nikita vibhuti dhaundiyal) जल्द ही सेना में अफसर की भूमिका निभाती दिखेंगी। उन्होने सभी जरूरी परीक्षाएं पास कर ली हैं। बताया जा रहा है कि वो जल्द ही सेना ज्वाईन कर लेंगी। उत्तराखंड के लिए बीता साल काफी मुश्किलभरा रहा है। प्रदेश ने एक के बाद एक अपने कई जांबाजों को आतंकी हमले में खो दिया। पहले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ। जिसमें उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए। वहीं इसके बाद चले ऑपरेशन में उत्तराखंड के दो आर्मी अफसर शहीद हो गए थे। 16 फरवरी को मेजर चित्रेश बिष्ट की शहादत की खबर आई।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: छुट्टी पर घर आ रहा था सेना का जवान, ट्रेन से गिरकर हुई मौत
लोगों के आंसू सूखे भी नहीं थे कि 18 फरवरी को जैश-एक मोहम्मद के खिलाफ चले ऑपरेशन में मेजर विभूति ढौंडियाल शहीद हो गए। अब शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की पहली बरसी पर ऐसी खबर आई है, जो आप को गर्व से भर देगी। पति की शहादत के बाद ‘आई लव यू विभू’ जैसे मार्मिक शब्दों से पति को अंतिम विदाई देने वाली निकिता (nikita vibhuti dhaundiyal) जल्द सेना में अफसर के रूप में नजर आएंगी। निकिता ने सभी औपचारिक टेस्ट और इंटरव्यू पास कर लिए हैं। शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल का परिवार मूलरूप से पौड़ी के ढौंडी गांव का रहने वाला है। मेजर विभूति साल 2012 में ओटीए चेन्नई से पासआउट होकर सेना में अफसर बने थे। 18 अप्रैल 2018 को उनकी शादी निकिता से हुई। दोनों ने नए जीवन की शुरुआत की ही थी, कि तभी मेजर विभूति की शहादत की खबर आ गई। शादी के ठीक दस महीने बाद मेजर विभूति आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे।