पहाड़ की पीड़ा: घायल महिला को कंधे में लेकर 9 Km पैदल चले लोग, तब मिला अस्पताल
साल 2016 में तोक पडैयल से कचलाकोट तक 9 किलोमीटर मोटर मार्ग बनाने की मंजूरी मिली थी, लधिया नदी पर झूला पुल भी बनना था। बजट भी जारी हुआ, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी इस गांव को सड़क मयस्सर नहीं हो सकी...
Feb 25 2020 6:18PM, Writer:कोमल नेगी
शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क...ये तीनों हमारी मूलभूत जरूरतों में शामिल हैं, पर पहाड़ में इन्हें हासिल करने के लिए लोगों को कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है। कहने को गांवों में अस्पताल तो खुल गए है, पर अस्पताल तक पहुंचने के लिए सड़कें नहीं हैं, ऐसे में लोग भला अस्पताल पहुंचे भी तो कैसे। ये तस्वीरें नैनीताल के भीमताल की हैं, जहां सोमवार को एक महिला को चोट लग गई। गांव में सड़क नहीं है, इसीलिए ग्रामीण बीमार महिला को डोली में बैठाकर 9 किलोमीटर पैदल चले, तब कहीं जाकर महिला अस्पताल पहुंच सकी। मामला ओखलकांडा विकासखंड के गहना के तोक पडैयल का है। जहां तुलसी देवी नाम की महिला काम करते वक्त खेत में गिर गई थी। महिला की कमर में चोट लगी थी। गांववालों ने महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए डोली का इंतजाम किया। उसमें महिला को बैठा कर कचलाकोट तक पैदल लाए। वहां से वाहन के जरिए महिला को हल्द्वानी भेजा। इस दौरान ग्रामीणों ने 9 किलोमीटर का सफर पैदल तय किया, रास्ते में नदी को भी पार किया। ग्रामीणों ने क्षेत्र में सड़क ना बनने पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि साल 2016 में कचलाकोट से पडैयल तक 9 किलोमीटर मोटरमार्ग स्वीकृत हुआ था, लधिया नदी पर झूला पुल भी बनना था। पुल और सड़क निर्माण के लिए बजट भी स्वीकृत हुआ, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी गांव को सड़क मयस्सर नहीं हो पाई। ग्रामीणों ने क्षेत्र में मोटर मार्ग के निर्माण की मांग की।
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