पहाड़ का बेमिसाल किसान, बिना मिट्टी-खाद के उगाता है महंगी सब्जियां..कमाई भी लाखों में
पौड़ी के गणेश बिष्ट खेती के लिए आधुनिक हाइड्रोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, इस नई तकनीक में खेती के लिए ना तो मिट्टी की जरूरत होती है, और ना ही ज्यादा पानी की। बड़े खेत और उसमें खाद डालने का झंझट भी नहीं है...
Feb 27 2020 4:54PM, Writer:कोमल
राज्य समीक्षा के जरिए हम पहाड़ के होनहार युवाओं की प्रेरणादायी कहानियां आप तक पहुंचाते हैं। इस कड़ी में अगला नाम है पौड़ी के गणेश बिष्ट का। पहाड़ का ये युवा बिना मिट्टी के महंगी सब्जियां उगाता है। इस नई तकनीक के जरिए होने वाली खेती के लिए ना तो मिट्टी की जरूरत होती है, और ना ही ज्यादा पानी की। बड़े खेत और उसमें खाद डालने का झंझट भी नहीं है। गणेश बिष्ट ने इजरायल में होने वाली खेती की हाइड्रोपोनिक टेक्निक को उत्तराखंड में डेवलप किया है। इस तकनीक के जरिए घर की छत और फ्लैट में भी खेती की जा सकती है। गणेश मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के बदलपुर चिन्वाड़ी गांव के रहने वाले हैं। इन दिनों भानियावाला की विस्थापित कॉलोनी में रह रहे हैं, जहां वो अपनी लैब डेवलप कर रहे हैं। गणेश बिष्ट दिल्ली की लेबर मिनिस्ट्री की काउंसिल सीआईडीसी में काम करते थे। साल 2002 से 2014 तक वहीं काम करते रहे। इसी दौरान उन्होंने उत्तराखंड में रहकर कुछ अलग करने की ठानी। जहां चाह, वहां राह। अपने काम की शुरुआत गणेश ने मशरूम उत्पादन के साथ की। आगे कुछ ख़ास बातें भी जानिये..
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इसी दौरान उन्हें हरियाणा के करनाल जाने का मौका मिला। जहां उन्होंने ड्रिप इरिगेशन और हाइड्रोपोनिक तकनीक के बारे में जाना। उन्होंने इस तकनीक के बारे में पढ़ाई की। एक्सपेरिमेंट भी करते रहे। देखते ही देखते सफलता मिलने लगी और अब गणेश उद्यान और कृषि विभाग के साथ मास्टर ट्रेनर के तौर पर काम कर रहे हैं। वो हाइड्रोपोनिक तकनीक के जरिए महंगी सब्जियां उगाते हैं, जिनका इस्तेमाल फाइव स्टार होटल्स में होता है। गणेश अपने आधुनिक बगीचे में ब्रोकली, ऑरगेनो, चाइप्स और पार्सले जैसी सब्जियां उगा रहे हैं, जिससे उन्हें लाखों की कमाई हो रही है। गणेश बताते हैं कि हाइड्रोपोनिक सब्जियां पूरी तरह ऑर्गेनिक होती हैं, इसमें खर-पतवार भी नहीं जमती। सब्जियों की ग्रोथ की प्रक्रिया भी सामान्य की अपेक्षा डेढ़ गुना ज्यादा तेज है। पहाड़ में इस तकनीक से खेती की अपार संभानाएं हैं, इस दिशा में और प्रयास किए जाने की जरूरत है, ताकि दूसरे लोग भी खेती की इस तकनीक को अपना सकें। गणेश की इस तकनीक के इस्तेमाल से उगाई गयी सब्जियों का ये विडियो भी देखिये...