पहाड़ की पूनम राणा को सलाम, माउंटेन बाइकिंग से तय किया सफलता का सफर
आमतौर पर लड़कियां शादी के बाद अपने सपनों को तिलांजलि दे देती हैं, लेकिन पूनम इसका अपवाद हैं। वो शादी के बाद भी माउंटेन बाइकिंग कर रही हैं और इसमें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल भी जीत चुकी हैं...
Mar 9 2020 12:19PM, Writer:Komal
अंतरराष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण दिवस पर हम उन बेटियों की कहानी आप तक पहुंचा रहे हैं, जिन्होंने समाज की वर्जनाएं तोड़कर, हर चुनौती पर जीत हासिल की। पहाड़ की ऐसी ही होनहार बिटिया हैं पूनम राणा, जिन्होंने माउंटेन बाइकिंग में अपनी अलग पहचान बनाई। माउंटेन बाइकिंग ऐसा क्षेत्र है, जिसमें हमेशा पुरुषों का दबदबा रहा, पर पूनम राणा ने इस मिथ को तोड़कर इस क्षेत्र में सफलता की नई इबारत लिखी। पूनम राणा मुक्तेश्वर के शीतला गांव की रहने वाली हैं। साल 2016 में पूनम ने पिथौरागढ़ के नाभीढांग से दिल्ली तक का 1006 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय किया था। बीहड़ अभियान के लिए पूनम माउंटेन बाइक को कंधे पर लादकर नाभीढांग पहुंची थी, जो कि पर्वत की तलहटी में स्थित है। पूनम की उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है। साल 2017 में उन्होंने एमटीबी हिमालया इंटरनेशनल की इंडियन कैटेगरी में पहला स्थान हासिल किया।
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इस साल वो एमटीबी अरुणांचल इंटरनेशनल में तीसरे स्थान पर रहीं। वो अब तक कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल कर चुकी हैं। एमटीबी नेशनल चैंपियनशिप 2019-20 में पूनम ने एक्ससीटी व एक्ससीओ कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता। इससे पहले वो साल 2019 में केरल में हुई प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं। पिछले महीने नैनीताल में 16वीं नेशनल माउंटेन बाइकिंग चैंपियनशिप हुई थी। इसमें भी पूनम राणा ने दो स्वर्ण पदक जीते थे। पूनम का विवाह हो चुका है। आमतौर पर लड़कियां शादी के बाद घर-गृहस्थी में इतनी व्यस्त हो जाती हैं, कि उन्हें अपने सपने जीने का मौका ही नहीं मिलता। लेकिन पूनम इसका अपवाद हैं। दो साल पहले उनकी शादी भूपाल सिंह खोलिया से हुई। भूपाल सिंह खोलिया भारतीय सेना में कार्यरत हैं। शादी के बाद भी पूनम ने माउंटेन बाइकिंग का अभ्यास जारी रखा। जिसमें उन्हें परिवार का भी खूब सहयोग मिला। पूनम घरेलू जिम्मेदारी निभाते हुए हर रोज तीन घंटे अभ्यास करती हैं। उनका परिवार हल्द्वानी में रहता है। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से पहाड़ की इस होनहार बेटी को बधाई। पूनम जैसी बेटियां ही महिला सशक्तिकरण की असली मिसाल हैं।