image: Manglanand  started kiwi cultivation in tehri garhwal

पहाड़ के मंगलानंद..विदेश की नौकरी छोड़ गांव लौटे, अब खेती से लाखों में है कमाई..देखिए वीडियो

चंबा के मंगनानंद विदेश में जॉब करते थे, लेकिन परदेस में मन नहीं लगा। गांव लौटने पर मंगलानंद ने कीवी की खेती kiwi cultivation in tehri garhwal करना शुरू किया, आज उनकी गिनती प्रदेश के सफल कीवी किसानों में होती है...
Mar 21 2020 6:59PM, Writer:कोमल नेगी

पहाड़ में पलायन की दिल तोड़ती खबरों के बीच स्वरोजगार की शानदार कहानियां भी सामने आ रही हैं। ये कहानियां युवाओं को जीवन में कभी हार ना मानने की सीख देती हैं, साथ ही कुछ कर गुजरने का हौसला भी। हमारा मकसद ऐसी कहानियों को आप तक पहुंचाना है। रिवर्स पलायन की ऐसी ही एक कहानी टिहरी से सामने आई है, जहां कुवैत से लौटे एक शख्स ने कीवी की खेती kiwi cultivation in tehri garhwal के जरिए अपने गांव की तस्वीर बदल दी। इस कहानी के नायक हैं मंगलानंद डबराल। चंबा ब्लॉक में एक गांव है चोपडियाल गांव, मंगलानंद इसी गांव में रहते हैं। वो कुवैत में ड्राइवर के तौर पर काम करते थे। आमदनी अच्छी थी, लेकिन परदेस की हर चीज पराई लगती थी। वो गांव लौटकर कुछ करना चाहते थे, पर ये इतना आसान नहीं था। खैर हिम्मत जुटाकर मंगलानंद डबराल ने कुवैत की नौकरी छोड़ दी। गांव लौट आए और यहां कीवी की खेती करने लगे। आगे देखिए वीडियो

इस काम में उन्हें कई बार असफलता मिली, पर मंगलानंद ने अपनी हिम्मत टूटने नहीं दी। सालों की मेहनत के बाद आखिरकार वो इस काम में पारंगत हो गए, साथ ही सफल भी। आज मंगलानंद सफल कीवी किसान बन चुके हैं। वो हर साल कीवी की खेती kiwi cultivation in tehri garhwal से लाखों कमा रहे हैं। यही नहीं मंगलानंद स्थानीय किसानों को कीवी की खेती का प्रशिक्षण भी देते हैं। उन्हें देख पहाड़ के कई किसान कीवी की खेती को अपना चुके हैं। गांवों की ये बदलती तस्वीर तपती दुपहरी में ठंडी हवा के झोंके सी लगती है। चलिए लगे हाथ आपको कीवी के फायदे भी बता देते हैं। इसकी खेती की शुरुआत न्यूजीलैंड में हुई थी। बाद में इसे पूरी दुनिया में उगाया जाने लगा। कीवी का फल विटामिन-सी से भरपूर होता है, इसमें पर्याप्त एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते है। जो कई तरह के इंफेक्शन से सुरक्षित रखने में सहायक हैं। पहाड़ में कीवी की खेती के लिए उपयुक्त माहौल है। युवा किसान इसे स्वरोजगार के तौर पर अपना रहे हैं, उद्योग विभाग भी किसानों को हरसंभव मदद दे रहा है।

खेती और पलायन ।।

टिहरी के श्री मंगलानंद डबराल ने ये साबित कर दिया कि पहाड़ों पर खेती से न ही सिर्फ पलायन को रोका जा सकता है बल्कि लाखों रुपये भी कमाये जा सकते हैं ।।

देखिए डी डी न्यूज की विशेष पेशकश।।

Posted by New Tehri on Wednesday, August 8, 2018

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