image: Coronavirus Uttarakhand:Tehri garhwal Girls could not see her sick father before he die

उत्तराखंड से दुखद खबर, लॉकडाउन के चलते पिता के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाई बेटियां

पिता लीवर और कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। आखिरी वक्त में वो अपनी बेटियों से मिलना चाहते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते दोनों बेटियां पिता के पास नहीं पहुंच सकीं...आगे पढ़िए पूरी खबर
Apr 4 2020 8:43PM, Writer:कोमल नेगी

कोरोना वायरस सिर्फ इंसान ही नहीं इंसानियत का भी दुश्मन है। मुसीबत के वक्त बेबस लोगों पर कितनी बुरी बीत रही है, इसका आप और हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते। टिहरी की दो बेटियां भी इस वक्त बड़ी तकलीफ से गुजर रही हैं। आज नहीं तो कल लॉकडाउन हट ही जाएगी, थोड़ा वक्त लगेगा पर जिंदगी वापस सामान्य हो जाएगी, पर इन बेटियों ने लॉकडाउन के चलते जो खोया है उसका दुख, उसकी तकलीफ उन्हें जिंदगी भर सालती रहेगी। दरअसल लॉकडाउन के चलते ये दोनों बेटियां अपने पिता से आखिरी बार मिल नहीं पाई। दोनों घर नहीं जा सकीं और पिता का आज देहांत हो गया। टिहरी जिले के प्रतापनगर में एक गांव है मोटना। यहां रहने वाले महावीर सिंह दिल्ली में प्राइवेट जॉब करते थे। वो लीवर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। आगे पढ़िए

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महावीर सिंह का दिल्ली में इलाज चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से दिल्ली के अस्पतालों ने मरीजों का इलाज बंद कर दिया। बाद में महावीर देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल में इलाज करवाने पहुंचे, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद महावीर को एंबुलेंस से उनके गांव मोटना ले जाया गया। महावीर आखिरी बार अपनी बेटियों से मिलना चाहते थे, जो कि देहरादून में रह रही थीं। लॉकडाउन की वजह से दोनों बेटियां टिहरी नहीं पहुंच सकी और पिता ने बेटियों से मिलने की इच्छा मन में लिए ही दुनिया छोड़ दी। बाद में सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र ने ट्विटर पर इस संबंध में एक पोस्ट डाली। जिस पर संज्ञान लेते हुए सेलाकुई के थाना प्रभारी विपिन बहुगुणा ने इन लड़कियों का देहरादून से टिहरी जाने का पास बनवाया। तब कहीं जाकर दोनों टिहरी रवाना हो सकीं। दोनों लड़कियां सेलाकुई की कंपनी में जॉब करती हैं।


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