पहाड़ में रसूखदार के बेटे का कारनामा, लॉकडाउन का ऐसे उड़ाया मखौल
ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन आम लोगों को पकड़-पकड़कर क्वारेंटीन सेंटर भेज रहा है, लेकिन रसूखदार बिना किसी रोक-टोक के सूबे में घूम रहे हैं। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही....
May 25 2020 5:40PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लॉकडाउन के चलते लोग घरों में कैद हैं, लेकिन मुश्किल के इस वक्त में भी कुछ रसूखदार नियमों का मजाक उड़ाने से बाज नहीं आ रहे। कुछ दिन पहले यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी लॉकडाउन नियमों को धता बताते हुए चमोली पहुंच गए थे, और अब हरिद्वार के एक दायित्वधारी का बेटा अपने साथियों संग जोशीमठ के उर्गम क्षेत्र में पहुंच गया। ग्रामीणों ने अगर इस पर संज्ञान नहीं लिया होता तो प्रशासन को इनके आने की भनक तक नहीं लगती। ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रशासन ने तीनों युवकों को पकड़ा और उनके वाहन का चालान कर दिया। बाद में तीनों युवकों को हरिद्वार वापस भेज दिया गया। चलिए अब पूरा मामला बताते हैं। रविवार को तीन युवक एक गाड़ी से जोशीमठ की उर्गम घाटी पहुंचे थे। इस बात का पता चलते ही ग्रामीणों ने युवकों को घेर लिया और प्रशासन को सूचना दी।
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जागरण की खबर के मुताबिक प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंच कर पूछताछ शुरू की तो एक युवक ने अपना नाम मुकेश आर्य बताया। ये भी बताया कि उसके पिता विनोद आर्य दायित्वधारी हैं। मुकेश ने बताया कि वो जड़ी-बूटी का कारोबार करता है, और हरिद्वार के डीएम से अनुमति लेकर आया है। मुकेश ने कहा कि मैं व्यापार के सिलसिले में आया हूं। मेरी गाड़ी खराब हो गई थी, इसीलिए पिता की गाड़ी लेकर आ गया। हालांकि जब प्रशासन ने युवक से डीएम का दिया अनुमति पत्र दिखाने को कहा तो युवक दिखा नहीं पाया। युवक की गाड़ी पर उत्तराखंड सरकार का लोगो चस्पा था, जो कि निजी वाहनों पर नहीं लगाया जा सकता। ऐसे में प्रशासन ने वाहन का एमवी एक्ट में चालान काटकर तीनों युवकों को हरिद्वार वापस भेज दिया। ग्रामीणों ने रसूखदारों के खुलेआम क्षेत्र में दाखिल होने पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा कि आम आदमी को क्वारेंटीन किया जा रहा है, लेकिन रसूखदार बेरोक-टोक पहाड़ों में घूम रहे हैं। ग्रामीणों ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।