उत्तराखंड के 4 जिलों में कोरोना ने लगाया शतक..देहरादून में सबसे बुरा हाल
दून में अब तक कोरोना संक्रमण के 604 केस मिले हैं। यहां कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा बढ़ रहा है। हरिद्वार, नई टिहरी और नैनीताल में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सैकड़ों में है....आगे पढ़िए पूरी खबर
Jun 22 2020 7:32PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड कोरोना से लगातार लड़ रहा है। 15 मार्च 2020 को प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला केस रिपोर्ट हुआ था। उस वक्त ये किसी ने नहीं सोचा था कि महज कुछ ही महीनों में ये आंकड़ा दहाई, सैकड़ा को पार करते हुए हजारों की संख्या तक पहुंच जाएगा, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा ही हो रहा है। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2344 हो गई है। 27 कोरोना संक्रमित मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। चार जिलों में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 200 पार पहुंच गया है। देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और टिहरी जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या सैकड़ों में है। सबसे ज्यादा बुरे हाल देहरादून में हैं। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 600 पार हो गई है। दून में अब तक कोरोना संक्रमण के 604 केस मिले हैं। यहां कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा बढ़ रहा है। दून में ऐसे केस भी मिले हैं, जिनमें संक्रमण के सोर्स के बारे में पता नहीं चल पा रहा। कई बार परेशानी तब सामने आती है, जब मरीज को ही पता नहीं होता कि वह संक्रमित कैसे हो गया। ऐसे मामलों को ट्रेस कर पाना मुश्किल होता है।
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संक्रमण बढ़ने के पीछे एक बड़ी वजह लोगों की लापरवाही भी है। मामला गंभीर होने के बावजूद लोग अब भी ना तो लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, ना ही सोशल डिस्टेंसिंग को तवज्जो दे रहे हैं। क्वारेंटीन नियमों की अनदेखी के मामले भी सामने आए हैं। साइलेंट कोरोना संक्रमण के हमले रोकने में स्वास्थ्य विभाग भी नाकाम नजर आ रहा है। देहरादून के साथ-साथ दूसरे जिलों में भी बुरे हाल हैं। बात करे हरिद्वार की तो यहां अब तक कोरोना संक्रमण के 259 केस मिले हैं। नैनीताल जिले में भी हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 366 हो गया है। यही हाल पहाड़ी जिले टिहरी का भी है। जहां कोरोना संक्रमण के 376 मामले मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मानते हैं कि जो लोग पहले से बीमार हैं। किसी क्रोनिक डिजीज यानी गंभीर बीमारी की दवा ले रहे हैं तो उनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। प्रदेश में इस वक्त जैसे हालात बने हुए हैं, उसे देखते हुए कम्युनिटी स्प्रेड यानी सार्वजनिक स्तर पर संक्रमण फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।