गढ़वाल राइफल के शहीद सपूत को शत शत नमन..अंतिम सफर पर निकला निकला जांबाज
जवान सुरेंद्र सिंह नेगी अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। जिनका रो-रोकर बुरा हाल है।
Jun 23 2020 11:05AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड की गौरवशाली परंपरा का निर्वहन करते हुए एक और सपूत शहीद हो गया। जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में कर्णप्रयाग, चमोली निवासी जवान सुरेंद्र सिंह नेगी शहीद हुए। जवान सुरेन्द्र सिंह नेगी 8 वीं गढ़वाल राइफल में थे। आज सीएम त्रिवेन्द्र ने शहीद जवान को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम ने कहा कि शहीद के परिवारजनों के साथ हम सबकी गहरी संवेदनाएं हैं। सरकार हर समय उनके साथ खड़ी है। इस वक्त सुरेंद्र सिंह की ड्यूटी जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में थी। रविवार शाम पेट्रोलिंग के बाद वो जैसे ही कमरे पर पहुंचे, उनके सीने में दर्द होने लगा। इसके बाद उन्हें उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन सुरेंद्र बच नहीं सके। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। जवान सुरेंद्र सिंह नेगी अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। जिनका रो-रोकर बुरा हाल है।
यह भी पढ़ें - दुखद: गढ़वाल राइफल का जवान जम्मू-कश्मीर में शहीद, दो बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
जवान की पत्नी और बच्चे देहरादून में रहते हैं। सुरेंद्र सिंह नेगी का परिवार मूलरूप से चमोली के कोटकंडारा स्थित सुनाली गांव का रहे वाला है। वो साल 2005 में आठवीं गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। सुरेंद्र परिवार में सबसे छोटे थे। उनके 83 वर्षीय बुजुर्ग पिता गोविंद सिंह भी सेना से रिटायर्ड हैं। बड़ा भाई सुलभ भी सेना से रिटायर्ड है। सुरेंद्र का मंझला भाई दुलभ सिंह भी गढ़वाल राइफल्स में कार्यरत है। उनका पूरा परिवार सेना और देशसेवा के लिए समर्पित रहा है।
सैन्यधाम उत्तराखंड की गौरवशाली परंपरा का निर्वहन करते हुए जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में शहीद हुए कर्णप्रयाग, चमोली...
Posted by Trivendra Singh Rawat on Monday, June 22, 2020
जवान सुरेंद्र सिंह की अकस्मात मौत की खबर से परिवार सदमे में है। क्षेत्र में शोक की लहर है। जवान का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके गांव पहुंचेगा। जहां उन्हें विधि-विधान से अंतिम विदाई दी जाएगी।