image: Foreign nationals roaming without masks in Uttarkashi

उत्तराखंड: बिना मास्क पहने घूम रहे थे दो विदेशी, शिकायत पर एक्शन में आई पुलिस

देहरादून से पुरोला की दूरी 120 किलोमीटर है। इस दौरान सफर में इन विदेशी नागरिकों की कहीं चेकिंग नहीं हुई। बॉर्डर पर भी इनकी स्क्रीनिंग नहीं की गई...आगे पढ़िए पूरी खबर
Jul 9 2020 9:36AM, Writer:कोमल नेगी

अनलॉक-1 और 2 में मिली छूट के बाद उत्तराखंड में पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो गई है, लेकिन बाहर से आ रहे लोग कोरोना संक्रमण से अपनी रक्षा और दूसरों को बचाने के लिए जरा भी गंभीर नहीं हैं। अनलॉक 2.0 में जिस तरह लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए बिना मास्क पहने खुलेआम महामारी एक्ट के नियमों का मखौल उड़ा रहे हैं, उससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। मामला उत्तरकाशी के पुरोला का है, जहां देहरादून से आए दो विदेशी नागरिक बिना मास्क पहने बाजार में घूमते हुए नजर आए। डरे हुए लोगों ने इसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दी। जिसके बाद पुलिस दोनों विदेशी नागरिकों को अपने साथ ले गई। एहतियात के तौर पर दोनों नागरिकों को गढ़वाल-मंडल विकास निगम के बंगले में ठहराया गया है। जानकारी के मुताबिक बीती शाम करीब 7 बजे दो विदेशी नागरिक उत्तराखंड परिवहन निगम की बस से पुरोला पहुंचे थे। दोनों ने मास्क नहीं पहना था। आगे पढ़िए

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बस से उतरने के बाद दोनों बिना मास्क पहने ही बाजार में घूमने लगे। ये देख लोग सहम गए। लोगों ने पुलिसकर्मियों को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने दोनों विदेशियों को जीएमवीएन के बंगले पर ठहरा दिया। स्थानीय लोगों ने मामले को लेकर प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए। लोगों ने कहा कि मास्क ना पहनने पर आम लोगों के चालान काटे जा रहे हैं, उनसे प्रशासन जुर्माना वसूल रहा है। लेकिन बाहर से आ रहे पर्यटकों के लिए कोई सख्ती नहीं है। देहरादून से पुरोला की दूरी 120 किलोमीटर है। इस दौरान सफर में इन विदेशी नागरिकों की कहीं चेकिंग नहीं हुई। बॉर्डर पर भी इनकी स्क्रीनिंग नहीं की गई। प्रशासन की ये लापरवाही क्षेत्रीय निवासियों के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। आपको बता दें कि उत्तराखंड ने हाल ही में महामारी अधिनियम में संशोधन किया है। इसके तहत मास्क ना पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग रूल और क्वारेंटीन नियमों की अनदेखी करने वालों पर पांच हजार का जुर्माना लगाया जा सकता है। छह महीने की सजा का भी प्रावधान है। इसके बावजूद नियमों को लेकर कई जगह स्थानीय लोग लापरवाह बने हुए हैं, तो कहीं प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही देखी जा रही है।


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