चमोली पुलिस के कांन्सटेबल दिग्विजय बिष्ट को सलाम...अपना खून देकर बचाई महिला की जान
चमोली के गोपेश्वर में महिला की हालत बेहद गंभीर थी, खून की कमी थी और खून कहीं नहीं मिल रहा था। कॉन्स्टेबल दिग्विजय बिष्ट ने महिला को नया जीवनदान प्रदान किया।
Jul 20 2020 1:47PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand police) का स्लोगन है- मित्रता सेवा सुरक्षा। राज्य के निवासियों की सेवा और सुरक्षा तो उत्तराखंड पुलिस बेहतरीन ढंग से कर ही रही है, साथ ही साथ मित्रता और इंसानियत की भी हर रोज नई-नई मिसाल पेश कर रही है। उत्तराखंड पुलिस इस कठिन समय मे जरूरतमंद लोगों की मदद करके मानवता का उदाहरण दे रही है। हाल ही में चमोली जिले के गोपेश्वर से एक खबर सामने आयी है जिसमें चमोली पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भले ही कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो उत्तराखंड पुलिस नेक काम करने में कभी पीछे नहीं रहेगी। पुलिस का मददगार होने का उदाहरण देती यह खबर गोपेश्वर से सामने आई है जो आपके दिल को भी खुश कर देगी। चमोली पुलिस एक बार फिर से जरूरतमंद महिला के लिए मददगार साबित हुई है और अंतिम समय में उनकी मदद कर उनको जीवनदान प्रदान किया है। आगे पढ़िए
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गोपेश्वर में तब लोगों के चेहरे पर तब मुस्कान आ गई जब एक बीमार महिला को रक्त नहीं मिल पा रहा था और उसको रक्त की बेहद जरूरी थी, तब एक पुलिसकर्मी आगे आए और आखिरी वक्त पर रक्तदान कर उनकी जान बचा कर मानवता का उदाहरण पेश किया। महिला की हालत बहुत सीरियस थी और गोपेश्वर के पुलिसकर्मी उनके लिए साक्षात किसी भगवान के रूप में सामने आए और उनको सही समय पर खून देकर उनकी जान बचाई। अब महिला की हालत सामान्य है। आइये आपको संक्षिप्त से घटना की जानकारी देते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार गोपेश्वर के निजमूला घाटी के गौंणा गांव के निवासी जसपाल सिंह पंवार की पत्नी लक्ष्मी को लंबे समय से खून की कमी थी। हाल ही में उनकी तबियत ज्यादा खराब हुई।
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परिस्थिति इतनी गंभीर हो गई कि उनके परिजनों को उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। खून की कमी के कारण उनकी तबियत हद से ज्यादा खराब हो रही थी वहीं दुर्भाग्यवश अस्पताल में रक्त नहीं था। डॉक्टरों ने परिजनों को कहा कि तत्काल रूप से ए नेगेटिव रक्त का प्रबंधन करने की जरूरत है। परेशानी में परिजनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से मदद मांगी। इसी दौरान पुलिस कार्यालय में तैनात कॉन्स्टेबल दिग्विजय बिष्ट को सोशल मिडिया के माध्यम से जब महिला के बारे में पता लगा तो वह तुरंत ही बिना समय व्यर्थ किए अस्पताल पहुंचे और रक्तदान कर महिला को नया जीवनदान प्रदान किया। रक्त मिलने के बाद महिला की हालत स्थिर है। महिला के परिजन पुलिसकर्मी दिग्विजय सिंह को धन्यवाद कहते थक नहीं रहे हैं। आखिरी समय में महिला की जान बचा कर उन्होंने जो नेक काम किया है वो सराहनीय है और अस्पताल प्रशासन ने भी नेकदिल पुलिसकर्मी की प्रशंसा की।