जय हिंद: आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुआ 24 साल का रोहन, 3 महीने बाद होनी थी शादी
जम्मू कश्मीर में आतंकियों और भारतीय सेना के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 24 वर्षीय जवान रोहिन कुमार शहीद हो गए हैं। शहीद रोहन कुमार आने वाले नवंबर को शादी के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे थे।
Aug 1 2020 5:45PM, Writer:Komal Negi
सीमा पर हमारे जवानों का शहीद होने का सिलसिला अभी जारी है जो कि बेहद दुखदाई है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश का बेटा जम्मू कश्मीर में आतंकवादी मुठभेड़ में शहीद हो गया है। बता दें कि हाल ही में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों और भारतीय सेना के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के 24 वर्षीय जवान रोहन कुमार शहीद हो गए हैं। शहीद रोहिन कुमार आने वाले नवंबर को शादी के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे थे, मगर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उनकी शहीदी के बाद से ही उनके परिवार के बीच मातम छा रखा है। शहीद जवान भारतीय सेना की 14 पंजाब रेजीमेंट में भर्ती थे और वे मात्र 20 वर्ष की उम्र में ही सेना में भर्ती हो गए थे। इतनी कम उम्र में इतने प्रतिभाशाली युवक का शहीद होने जिनको भविष्य में अपना बहुत नाम कमाना था। आगे पढ़िए
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एक सैनिका का शहीद होना समूचे राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा नुकसान होता है। हमीरपुर के डीसी हरिकेश मीणा का कहना है कि 24 वर्षीय जवान के शहीद होने की खबर प्राप्त हुई है, जिसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं लग पाया है कि उनकी मृत्यु कैसे हुई। उनकी शहादत के बाद उनके परिजनों को भी फोन करके उनके बेटे की शहादत के बारे में जानकारी दी गई है जिसके बाद से उनके घर में कोहराम मचा हुआ है। शहीद रोहन कुमार के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है। बेटे की शादी का सपना सजा कर जो मां-बाप बैठे थे अब अपने बेटे को आखिरी विदाई देंगे। बता देगी रोहन कुमार के पिता रसील सिंह पेशे से हलवाई का काम करते हैं। उनके बेटे की नवंबर माह में शादी होने वाली थी, जिसको लेकर घर में सभी परिजनों के बीच खासा उत्साह मौजूद था। आगे पढ़िए
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घर में सभी लोग शादी की तैयारी में भी जुटे हुए थे। मगर अचानक से उनकी मृत्यु के इस दर्दनाक समाचार ने पूरे परिवार को अंदर से झकझोर कर रख दिया है। शहीद रोहित के पिता रसील कुमार ने बताया कि बचपन से ही उनका बेटा फौज में जाने का सपना मन में पाले बैठा हुआ था और उन्होंने सपने की तरफ जी जान से मेहनत भी की थी। वह मात्र 20 वर्ष में ही फौज में भर्ती हो गए थे। वे कहते हैं कि उनको अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। देश की सुरक्षा के लिए उनका बेटा शहीद हुआ है, ऐसे में यह उनके लिए गर्व की बात है। वहीं शहीद के चाचा अनिल वर्मा बताते हैं कि रोहन के शहीद होने पर उनके परिवार को काफी क्षति पहुंची है और पूरा परिवार के ऊपर मातम छा रखा है। आज शनिवार की शाम को शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचने की उम्मीद है।