उत्तराखंड: इस जिले को मिली पहली महिला जिलाधिकारी, राष्ट्रपति से हो चुकी हैं सम्मानित
कुमाऊं के सबसे अधिक आबादी वाले यूएसनगर जिले को संभालने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी बनीं आईएएस रंजना राजगुरु।
Aug 2 2020 1:47PM, Writer:Komal Negi
हाल फिलहाल में ही उत्तराखंड में एक बार फिर से कई बड़े प्रशासनिक एवं जिलाधिकारियों का ट्रांसफर हुआ है। उधम सिंह नगर जिले के लोकप्रिय जिला अधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल के मुख्यमंत्री के अपर सचिव बनने के बाद अब उधम सिंह नगर जिले की जिम्मेदारी आईएएस रंजना राजगुरु के कंधों पर हैं। आईएएस रंजना राजगुरु उधमसिंह नगर जिले की 24वीं जिला अधिकारी होंगी। इसी के साथ सबसे अनोखी बात तो यह है है कि वे यूएसनगर जिले को संभालने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी भी होंगी। बता दें कि 1995 में जिला बनने के बाद से अब तक जिले में कोई भी महिला नहीं बनी है। इससे पहले वे बागेश्वर की जिलाधिकारी थी और उन्होंने बागेश्वर जिले की कमान भी शानदार ढंग से संभाली थी। कमाल की बात है कि बागेश्वर की कमान संभालने वाली भी आईएएस रंजना राजगुरु पहली महिला अधिकारी हैं।
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मई 2017 में बागेश्वर जिले का कार्यभार संभालने से पहले वह रुद्रप्रयाग जिले की डीएम थीं और इस अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनावों में रुद्रप्रयाग जनपद में किए गए अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन और जिम्मेदारियों का बेहतरीन तरीके से निर्वाचन के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उनको यह सम्मान स्वयं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिया गया था जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह सत्य है कि एक काबिल जिलाधिकारी की जरूरत सबको होती है, मगर तब भी एक काबिल और निष्ठावान अधिकारी जिन्होंने महज कुछ ही सालों में जिले के लोगों के दिलों में घर कर दिया हो, उनके जाने से लोगों की आंखें नम होना तो लाजमी है। बता दें कि बागेश्वर में उन्होंने 3 साल से अधिक समय तक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और जिलाधिकारी की कुर्सी संभाली।
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बागेश्वर जिले की पहली महिला जिला अधिकारी बनकर इतिहास गढ़ने वाली वे पहली महिला हैं। 17 मई 2017 को बागेश्वर जिले की कमान संभालने वाली जिलाधिकारी आईएएस रंजना राजगुरु ने बागेश्वर की शिक्षा और चिकित्सा सेवा को बेहतर करने पर विशेष रूप से ध्यान दिया। उन्होंने बागेश्वर के लोगों की समस्याओं को बहुत ही करीब से समझा। चाहे वो महिलाओं के साथ खेतों में घास काटना हो या फिर किसी आपदा कार्य में स्वयं 12 किलोमीटर पैदल चल कर जाना, उन्होंने यह सिद्ध किया कि वाकई उनके भीतर जन सरोकार की भावना मौजूद है। वहीं प्रत्येक सोमवार को वे जन सुविधा के शिविर भी लगाती थीं। शिक्षा के क्षेत्र में डीएम रंजना राजगुरु ने बागेश्वर जिले में बहुत ही सराहनीय काम किया। एक ओर जहां सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय है, वहीं उन्होंने बागेश्वर जिले के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास चलाने के लिए भी काफी प्रयास किए और डीएम टाइट फाइंड से बजट भी मुहैया कराया।इसी के साथ बागेश्वर जिले में बद से बदतर हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने का भी पूरा श्रेय डीएम रंजना राजगुरु को जाता है। बागेश्वर जिले में उनके द्वारा चलाई गई हर मुहिम को सफलता प्राप्त हुई है जो कि सराहनीय है।