गढ़वाल: बजेठा गांव के प्रशांत नेगी..5वीं कोशिश में पाई UPSC परीक्षा में सफलता..बधाई दें
चमोली के होनहार बेटे प्रशांत बादल नेगी ने 2019 की यूपीएससी परीक्षा में सफलता का परचम लहरा दिया है और उन्होंने ऑल ओवर इंडिया में 397 वां स्थान प्राप्त किया है।
Aug 5 2020 11:47AM, Writer:Komal Negi
बीते मंगलवार को यूपीएससी यानी कि संघ लोक सेवा आयोग का नतीजा निकला जिसमें सफलता का परचम लहराया है चमोली स्थित गोपेश्वर के बेटे प्रशांत बादल नेगी ने। प्रशांत ने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर न केवल उत्तराखंड का, अपने जिले का और अपने परिजनों का नाम रोशन किया है, बल्कि इससे बढ़कर उन्होंने अपने दादा का अधूरा सपना पूरा किया है। बता दें कि प्रशांत नेगी के दादा हमेशा से चाहते थे कि उनका पोता प्रशासनिक अधिकारी बने, ताकि वे लोगों की समस्याओं का समाधान कर सके। प्रशांत ने यह परीक्षा पांचवीं बार में क्लियर की है। वह 5 वर्ष निरंतर इस परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे थे और अंततः उनको सफलता का फल मिल ही गया और नतीजा सबके सामने हैं। प्रशांत आज उन लोगों में से हैं जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा क्लियर की है और प्रशांत ने मेरिट लिस्ट में जगह बना ली है।
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चमोली जिले के विकासखंड पोखरी के खाल बजेठा गांव के निवासी प्रशांत बादल नेगी ने यूपीएससी परीक्षा में 397 वां स्थान प्राप्त किया है। प्रशांत के पिता हरेंद्र सिंह नेगी गोपेश्वर में व्यवसाय करते हैं और उनकी मां पूनम नेगी ग्रहणी हैं। प्रशांत अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं और यूपीएससी की परीक्षा में उन्होंने पांचवी बार में सफलता हासिल कर चमोली जिले का और उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया है। प्रशांत ने 2010 में इंटर कॉलेज गोपेश्वर से विज्ञान वर्ग में 12वीं की परीक्षा 72% अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। उनकी आगे की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली के अमेठी विश्वविद्यालय, नोएडा से की। 2014 में उन्होंने मनोविज्ञान में स्नातक पूरा किया और 2018 में उन्होंने एमबीए किया जिसके बाद प्रशांत ने 2019 में साइकोलॉजी से नेट की परीक्षा क्वालीफाई की। प्रशांत ने बताया कि उनके पास असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का भी मौका था, मगर उन्होंने अपने दादा का सपना पूरा करने के लिए यूपीएससी परीक्षा की ओर मेहनत करना शुरू किया। प्रशांत ने कहा है कि उनको इस प्रशासनिक सेवा में जाने की प्रेरणा अपने दादा बाग सिंह नेगी से मिली। उनके दादा आज उनकी इस खुशी में सम्मिलित नहीं है क्योंकि 2013 में ही उनका देहांत हो गया था। प्रशांत ने बताया कि उनके दादा पेशे से शिक्षक थे।
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प्रशांत ने अपनी सफलता मंत्र साझा करते हुए कहा कि यूपीएससी को क्लियर करने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का पूरी तरीके से त्याग किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ना पूरे तरीके से सही है और ना पूरे तरीके से गलत। ऐसे में आज का युवा वर्ग उसका उपयोग किस प्रकार से करता है, यह तय करता है कि वह किस दिशा में आगे जाएगा। प्रशांत ने अपनी यूपीएससी की यात्रा के दौरान सोशल मीडिया से उचित दूरी बनाकर रखी। उन्होंने कहा यूपीएससी परीक्षा को पास कर लेना व्यक्ति की योग्यता को निर्धारित नहीं करता। हर फील्ड में जो व्यक्ति सच्चे मन से मेहनत करता है तो वह जरूर कामयाब होता है। उन्होंने बताया कि यूपीएससी क्रैक करने के लिए कड़ी मेहनत और एकाग्रता के साथ ही स्मार्ट स्टडी भी बहुत जरूरी है। यूपीएससी के नतीजे घोषित होने के बाद से ही प्रशांत के माता-पिता समेत उनके सभी दोस्तों और परिजनों के बीच उत्सव का माहौल है।