image: Heavy rain likely in 5 districts of Uttarakhand 7 August

उत्तराखंड में 3 दिन तक भारी बारिश के आसार, पांच जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट

पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश से जनजीवन बेहाल है। प्रदेश की 40 से ज्यादा सड़कों पर ट्रैफिक थम गया है। पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क मलबे से बंद है।
Aug 7 2020 11:38AM, Writer:Komal Negi

प्रदेश में मानसूनी बारिश आफत का सबब बन गई है। लगातार जारी बारिश की वजह से कई जगह आपदा जैसे हालात बने हुए हैं। हाईवे समेत कई मोटरमार्ग बारिश के साथ आए सैलाब में बह गए। नदियां उफान पर हैं, जिस वजह से नदी किनारे रहने वाले लोगों में दहशत है। उत्तराखंड में गुरुवार को बारिश से थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन कई क्षेत्रों में हालात अब भी सामान्य नहीं हो पाए हैं। पिथौरागढ़ जिले के सीमावर्ती इलाकों में बारिश से जनजीवन बेहाल है। यहां चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क मलबे से बंद है। प्रदेश की 40 से ज्यादा सड़कों पर ट्रैफिक थम गया है। मलबे और भूस्खलन की वजह से सड़कें बंद हैं। मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे। शुक्रवार से रविवार तक प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। कुछ जगहों पर आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है, इसलिए सतर्क रहें। मौसम विभाग ने आज पांच जिलों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आगे पढ़िए

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इन जिलों में पिथौरागढ़, बागेश्वर, देहरादून, पौड़ी और नैनीताल शामिल हैं। यहां रहने वाले लोग संभलकर रहें। शुक्रवार से शुरू हुई बारिश का सिलसिला रविवार तक जारी रहेगा। शनिवार और रविवार को भी भारी बारिश की आशंका है। गुरुवार को पर्वतीय इलाकों में मौसम साफ रहा। जिससे बंद पड़ी सड़कों की मरम्मत में काफी मदद मिली। गढ़वाल में ज्यादातर बंद सड़कों पर ट्रैफिक बहाल हो गया है, लेकिन कुमाऊं में स्थिति अब भी खराब है। पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाले तीन प्रमुख मार्ग पिछले कई दिनों से बंद हैं। गर्बाधार-लिपुलेख रोड पिछले 12 दिन से बंद है। तवाघाट-तिदांग रोड भी पिछले 21 दिन से नहीं खुली। मुनस्यारी-मिलम रोड को बंद हुए 27 दिन बीत गए हैं। इन तीन सड़कों के बंद होने से उच्च हिमालयी क्षेत्रों के कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। दारमा क्षेत्र के 13 गांव, जोहार के 14 और व्यास घाटी के 7 गांव अलग-थलग पड़े हैं। जिले में 12 अन्य सड़कों पर भी आवाजाही ठप है। भारी बारिश की वजह से पहाड़ में नदियां-गदेरे उफान पर हैं। इसलिए हमारी आपसे अपील है कि नदियों के करीब ना जाएं। यात्रा पर निकलने से पहले संबंधित जगह के मौसम और सड़कों का हाल जरूर जान लें।


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