उत्तराखंड: यहां धड़ल्ले से चल रहा है जिस्मफरोशी का गंदा धंधा, जांच में चौंकाने वाले खुलासे
उत्तराखंड के देहरादून जिले से सटे इलाकों में बहुत ही तेजी देह व्यापार का नेटवर्क फैल रहा है। गरीब लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर उनको जबरन इस व्यापार में खींचा जा रहा है-
Aug 12 2020 4:33PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड के देहरादून में एक बेहद बड़ा खुलासा हुआ है जिसने सबके होश उड़ा रखे हैं। नवभारत टाइम्स डॉट कॉम की खबर के मुताबिक उत्तराखंड के चकराता और उसके पड़ोसी कस्बे विकासनगर एवं हरबर्टपुर इलाके में बहुत ही तेजी देह व्यापार का नेटवर्क फैल रहा है। तीन महीने चली जांच में पता चला है कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से महिलाएं विकासनगर और हरबर्टपुर के प्रमुख होटलों में सप्लाई के लिए लाई जाती हैं।वहां पर देह व्यापार के केंद्र लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। यह चिंता के विषय के साथ ही एक बेहद संवेदनशील विषय भी है। कई औरतों एवं लड़कियों को नौकरी का झूठा झांसा देकर उनको इस देह व्यापार में धोखे से घसीटा जाता है, और उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है। सवाल यह उठता है कि इन क्षेत्रों में आखिर देह व्यापार को इतना बढ़ावा क्यों दिया जा रहा है या देह व्यापार में इन जगहों पर ही इतनी बढ़ोतरी क्यों हो रही है? इसकी अहम वजह है गरीबी। जी हां गरीबी की वजह से ही यहां की महिलाएं देह व्यापार के बिचौलियों के झांसे में आ जाती हैं और शोषण का शिकार बनती हैं। आगे पढ़िए
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चकराता और इसके पास के कस्बों विकासनगर व हरबर्टपुर में देह व्यापार में बढ़ोतरी होने की पुष्टि हाल ही में हुई एक जांच में हुई है। दरअसल 3 महीने चली इस जांच में यह पता लगा है कि देह व्यापार के इस घिनौने जाल में शामिल सभी बिचौलिए, अशिक्षित परिवारों को ही अपना शिकार बनाते हैं। वे उन परिवार को अपना निशाना बनाते हैं जिनकी आर्थिक परिस्थितियां अच्छी नहीं होती है या जिनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं होता है। वे लड़कियों को नौकरी का झांसा देते हैं और उनको देह व्यापार में जबरन धकेल देते हैं जहां मासूम लड़कियों को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी जाती है। बीते मंगलवार को उत्तराखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने राज्य के डीजीपी अनिल रतूड़ी को इस गंभीर मामले में एक्शन लेने के लिए कहा गया और उनको एक महीने में रिपोर्ट जमा कराने को भी कहा गया। चकराता और उसके आसपास के कस्बों में फैले और धड़ल्ले से चल रहे नेटवर्क का खुलासा मामला तब सामने आया वहीं की एक स्थानीय महिला ने अपने क्षेत्र में चल रहे देह व्यापार की शिकायत महिला आयोग से की थी। आगे पढ़िए
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उन्होंने बताया कि पहाड़ों से महिलाओं को नौकरी और रोजगार का झांसा देकर उनको छोटे कस्बों में होटलों में चल रहे देह व्यापार में झोंक दिया जाता है। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू की। 13 मई को राज्य आयोग ने पुलिस को इस पूरे मामले की जांच करने को कहा था जिसके बाद इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। उत्तराखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ऊषा नेगी ने कहा है कि महिलाओं के शोषण के पीछे का मुख्य कारण गरीबी है। उन्होंने यह भी बताया कि चकराता का क्षेत्र केवल खेती पर ही निर्भर करता है। ऐसे में वहां पर रोजगार के अन्य अवसर नहीं मिल पाते हैं जिनको बाहर शहरों में काम करने की चाहत होती है वे आसानी से देह व्यापार के इस जंजाल में फंस जाते हैं। उन्होंने कहा है की जरूरत है इस क्षेत्र के युवाओं को अच्छा रोजगार मुहैया कराने की ताकि इस गैरकानूनी धंधे पर रोक लगाई जा सके। वहीं डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया की चकराता और उसके आसपास के कस्बों में चलने वाले इस देह व्यापार को रोकने के लिए पुलिस द्वारा उचित कदम उठाए जाएंगे और इस नेटवर्क में जुड़े सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।