image: Difficulties increased after flood in Uttarkashi

पहाड़ में तबाही और जोखिम में जान, लकड़ी की बल्लियों के सहारे नदी पार करते लोग

उत्तरकाशी में गदेरे में उफान आने के बाद उसपर बनी पक्की पुलिया बह जाने के बाद वहां के ग्रामीण लकड़ी की बल्लियां डालकर कच्ची पुलिया पर जान जोखिम में डाल कर। आवाजाही करने पर मजबूर हैं।
Aug 12 2020 8:00PM, Writer:Komal Negi

कोरोना के साथ अब कुदरत का कहर भी राज्य के निवासियों के लिए मुसीबत लेकर आया है। बरसता पानी आने वाले कुछ और लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनेगा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि राज्य में अगले 48 घंटे हाई अलर्ट जारी रहेगा। गढ़वाल मंडल से लेकर कुमाऊं मंडल तक, ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक हर जगह बारिश ने कोहराम मचा कर रखा हुआ है। बारिश के कारण ही अन्य दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। आज ही रुद्रप्रयाग में नदी के तेज बहाव में एक गाड़ी बह जाने से दो लोगों की मृत्यु हो गई है। कितनी ही नदियों और गदेरों का स्तर काफी बढ़ रखा है और वे उफान पर आ रखे हैं। मूसलाधार वर्षा की वजह से नदियों और गदेरों जलस्तर बेहद बढ़ा हुआ है। वहीं उफान पर आईं नदियों और गदेरों के कारण अबतक ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत नुकसान हुआ है और लोगों की जान के ऊपर भी काफी रिस्क बना हुआ है। कई गांवों में पक्के पुल मूसलाधार बारिश में बह गए हैं और गांव के निवासियों की आवाजाही बाधित हो रखी है।

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उत्तरकाशी में भी गदेरे में उफान आने के बाद उसपर बनी पक्की पुलिया बह जाने के बाद वहां के ग्रामीण लकड़ी की बल्लियां डालकर कच्ची पुलिया पर आवाजाही करने पर मजबूर हैं। वे अपनी जान जोखिम में डालकर कच्ची पुलिया से ही आवाजाही कर रहे हैं। उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र के मोरी ब्लॉक के हरकीदून घाटी में कुल चार गांवों को जोड़ने वाली मोटर मार्ग पर हलारा गदेरे के पास बीते रविवार को वहां के ग्रामीणों ने आने-जाने के लिए लकड़ी की बलिया डालकर गदेरे के ऊपर कच्ची पुलिया तैयार की है और अब समस्त गांव निवासी उसी कच्ची बलिया के जरिए ही आवजाही कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। बीते बुधवार को लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से हलारा गदेरे में बेहद उफान आ गया और वहां बनाई गई पक्की पुलिया उसकी चपेट में आ गई जिस कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोरी ब्लॉक के प्रमुख एवं गंगाड़ गांव के निवासी बचन पंवार ने बताया कि हरकीदून घाटी के ओसला, गंगाड़, पंवाणी और ढाटमीर गांव को जोड़ने वाले मार्ग पर गदेरे के ऊपर बने पुल के बह जाने से दो दिनों तक चारों गांवों में आवाजाही पूरी तरह से ठप रही

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गदेरे में जब पानी का स्तर थोड़ा सामान्य हुआ उस के बाद ग्रामीणों ने लकड़ी की बल्लियां डाल कर किसी तरह कच्चा पुलिया तैयार किया है। मगर बारिश के कारण जिस तरह की परिस्थितियां फिलहाल पहाड़ी क्षेत्रों में बनी हुई हैं उससे ग्रामीणों को यह बड़ा डर सता रहा है कि कहीं यह एक अच्छी पुलिया भी टूट कर गिर ना जाए इसी के साथ पुलिया पर आवाजाही करते हुए जान का खतरा हमेशा गांव वालों के ऊपर मंडरा रहा है। वृद्ध, बीमार, बच्चों और महिलाओं को कच्ची बल्लियों के सहारे गदेरा पार करवाना भी खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में जिला प्रशासन को जल्द ही इस बारे में संज्ञान लेना चाहिए और यहां पर तत्काल पुलिया निर्माण करवाना चाहिए।


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