image: Youth cleaned Chandak track in Pithoragarh

ऐसी कोशिश पूरे उत्तराखंड में होनी चाहिए, पहाड़ के सच्चे रखवाले हैं ऐसे लोग

मिलिए पिथौरागढ़ के ईको-वारियर्स से जो प्रतिदिन सुबह की सैर के दौरान पिथौरागढ़ से चंडाक तक के 6 किलोमीटर ट्रैक पर प्रतिदिन सफाई अभियान चलाते हैं
Sep 22 2020 1:18PM, Writer:Komal Negi

पहाड़ की हरी-भरी वादियों के बीच रहना किसी सुकून से कम नहीं है। मगर यही पहाड़ अब धीरे-धीरे दूषित होते जा रहे हैं। और दुख की बात यह है पहाड़ों से नाता रखने वाले खुद ही पहाड़ों की दुर्गति बना रहे हैं। हरे-भरे पहाड़ों में हरियाली की जगह अब कूड़े-कचरे ने ले ली है। एक ओर हम प्रकृति संरक्षण जैसी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं मगर उत्तराखंड के पहाड़ों पर वे सब केवल सतही बातें ही लगती हैं। क्योंकि लोगों को साफ-सफाई की कोई परवाह नहीं है। कई पहाड़ी क्षेत्रों में रात में युवक दारू पार्टी करते हैं और उसका कूड़ा, शराब की खाली बोतलें पहाड़ों पर ही यहां-वहां फेंक देते हैं जिससे प्रकृति को तो नुकसान होता ही है साथ में वहां आने जाने वाले लोगों को भी कूड़ा-कचरा देखना पड़ता है। पिथौरागढ़ में भी कुछ ऐसा ही शर्मनाक देखने को मिल रहा है। आगे पढ़िए

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन पर वेबिनार, तीर्थाटन से रोजगार की संभावनाओं पर चर्चा
पिथौरागढ़ से चंडाक तक के 6 किलोमीटर ट्रैक जोकि नगर का सबसे प्रमुख ट्रैक है वह शराबियों का अड्डा बन चुका है। दिन-प्रतिदिन सुबह और शाम इस मार्ग पर टहलने और प्रकृति को करीब से महसूस करने हजारों की संख्या में लोग आते हैं। मगर सांझ ढलते ही इस मार्ग पर शराबियों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है और रात के 10 बजे तक सभी शराबी समूह में बैठकर यहां पर शराब पीते हैं। दिक्कत इसके बाद शुरू होती है। अपनी दारू पार्टी खत्म होने के बाद वे शराब और बीयर की बोतलों के साथ चिप्स और वेफर्स के पैकेट भी आसपास बिखरा देते हैं। मगर कहते हैं कि जब-जब समाज में ऐसे अराजक तत्व अराजकता फैलाते हैं तो उससे दोगुने लोग परिस्थिति को संभालने की जद्दोजहद में लग जाते हैं। पिथौरागढ़ के चंडाक ट्रैक में गंदगी फैलाने वाले ऐसे लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ युवकों ने एक बेहद शानदार मुहिम की शुरुआत की है। आगे पढ़िए

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: क्या प्रेम-प्रसंग में गई होनहार विभव की जान? आखिरी वॉट्सऐप चैट में छिपा है राज
यह ईको-वारियर्स इस ट्रैक पर प्रतिदिन सुबह की सैर करने आते हैं और सफाई अभियान चलाते हैं। इसी के साथ वे जगह-जगह पोस्टर्स लगा कर लोगों को कूड़ा न फेंकने और प्रकृति का ख्याल रखने के प्रति जागरूक करते हैं। बीते रविवार भी इन्होंने पिथौरागढ़ के चंडाक ट्रैक में सफाई अभियान चलाया और आसपास फैली सभी गंदगी को डस्टबिन में डाल कर सबके सामने मिसाल पेश की। सफाई करने वालों में दीपक लुंठी, कविंद्र पुनेठा, हेम गुंज्याल, दीपक कोठारी, राजेंद्र चिलकोटी, संजीव राय, पवन बिष्ट, राजेश पंगरिया आदि युवक शामिल थे। राज्य को ऐसे इको वॉरियर्स की जरूरत है और खासकर कि युवा वर्ग से यह उम्मीद की जाती है कि वे पर्यावरण संरक्षण हेतु आगे आएं और अपना योगदान दें। पिथौरागढ़ में पर्यावरण के प्रति जागरूकता मन मे ठाने युवकों ने जो मुहिम की शुरुआत की है वो बेहद शानदार और सराहनीय है। मुख्य बात यह है कि ऐसी मुहिम की शुरुआत राज्य के हर जिले के सभी क्षेत्रों में की जानी चाहिए। पिथौरागढ़ के ईको-वॉरियर्स और पर्यावरण प्रेमियों द्वारा चलाए गए इस सफाई अभियान में उनको राज्य समीक्षा की ओर से ढेरों शुभकामनाएं।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home