उत्तराखंड: 8 साल की राधिका को खा गया मगरमच्छ, सहेली के साथ फूल तोड़ने गई थी
घटना के वक्त 8 साल की राधिका अपनी सहेली शिवानी के साथ तालाब किनारे लगे फूल तोड़ने पहुंची थी, पर किसे पता था कि अब राधिका वहां से जिंदा नहीं लौट सकेगी। आगे पढ़िए पूरी खबर
Sep 26 2020 2:00PM, Writer:Komal Negi
कुंभनगरी हरिद्वार से एक दुखद खबर सामने आ रही है। यहां मगरमच्छ ने 8 साल की मासूम को निगल लिया। मगरमच्छ बच्ची को अपने जबड़ों में दबोच कर खींचते हुए गहरे तालाब में ले गया। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने कई घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया, तब कहीं जाकर बच्ची का शव बरामद किया जा सका। बच्ची की मौत के बाद माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण भी अचानक हुई इस घटना से बेहद डरे हुए हैं। उन्हें अपने बच्चों की सुरक्षा का डर सताने लगा है। दिल दहला देने वाली ये घटना लक्सर इलाके के पंडितपुरी गांव में हुई। जहां मगरमच्छ ने 8 साल की राधिका पर हमला कर दिया।
यह भी पढ़ें - गढ़वाल: यहां नवंबर में होगा पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल, तैयार हो गई एयर स्ट्रिप
घटना के वक्त राधिका अपनी सहेली शिवानी के साथ तालाब किनारे लगे फूल तोड़ने पहुंची थी, पर किसे पता था कि अब राधिका वहां से जिंदा नहीं लौट सकेगी। तालाब के पास पहुंचकर दोनों बच्चे हंसी-खुशी खेलने लगे। वहां लगे फूल समेटने लगे, कि तभी तालाब किनारे बैठे मगरमच्छ ने राधिका के ऊपर अचानक हमला कर दिया। राधिका दर्द से तड़प उठी। मगरमच्छ ने बच्ची को जबड़े में दबाया और उसे पानी में लेकर चला गया। बाद में शिवानी दौड़ती हुई गांव पहुंची और गांव वालों को घटना के बारे में बताया। अनहोनी की खबर मिलते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में लोग तालाब के पास जमा हो गए। राधिका के परिजन भी बिलखते हुए मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी।
यह भी पढ़ें - पहाड़ से दुखद खबर..घास काटने गई 11 साल की बच्ची को गुलदार ने मार डाला..गांव में मातम
सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। टीम ने कई घंटों की मशक्कत के बाद बच्ची का शव तालाब से बरामद किया। बच्ची का शव देखकर परिजन फूट-फूटकर रोने लगे। बच्ची के हाथ पर मगरमच्छ के दांतों के गहरे घाव दिखे। 8 साल की राधिका की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा है। ग्रामीण आदमखोर मगरमच्छ को लेकर दहशत में हैं। वहीं बच्ची का शव मिलने के बाद वन विभाग की टीम मगरमच्छ की तलाश में जुटी है। यह पहला मौका है जब हरिद्वार में मगरमच्छ के हमले में किसी की जान गई। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने वन विभाग से मगरमच्छों से निजात दिलाने की कई बार गुजारिश की, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। वहीं वन विभाग ने आरोपों को गलत बताया है।