उत्तराखंड: गरीब घर के कमल रावत की मौत का जिम्मेदार कौन? 20 मिनट तक जलता रहा शरीर
कल सुबह हल्द्वानी की सड़क दमूवाडूंगा के निवासी कमल रावत की चीखों से गूंज उठी, मगर लापरवाही बरतने वाले ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के अंदर की संवेदना को जगा नहीं पाई।
Sep 26 2020 5:33PM, Writer:Komal Negi
हल्द्वानी में कल सुबह जो हादसा हुआ वह बेहद खौफनाक है। कमल रावत..... हमारे ही जैसा एक आम आदमी जो कि रोज की तरह घर से ड्यूटी के लिए निकला था, वह कल सुबह 9 बजे हाई टेंशन तार की चपेट में आ गया। दमूवाडूंगा का निवास कमल रावत अपने परिवार का अकेला कमाने वाला था जो बीते शुक्रवार की सुबह सड़क के बीचों-बीच जलकर राख हो गया, मगर जलते हुए कमल रावत की चीखों से बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजा। अपने परिवार का पेट अकेले पालने वाला कमल रावत अब इस दुनिया से हमेशा-हमेशा के लिए जा चुका है और उसकी जान का अगर कोई जिम्मेदार है तो वह है ऊर्जा विभाग। जी हां, ऊर्जा विभाग की लापरवाही के कारण ही बीते शुक्रवार सुबह 9 बजे अपनी साइकिल से नर्सिंग होम में काम करने वाले कमल रावत 1100 केवी के हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया। जब तक कोई कुछ समझ पाता तबतक कमल रावत सड़क के बीचों-बीच जलकर राख हो गया और उसकी चीख से पूरे हल्द्वानी में सन्नाटा पसर गया। जागरण की खबर के मुताबिक जब बिजली विभाग को इस बारे में जानकारी दी गई तब 4 घंटे तक, जी हां, 4 घंटे के बाद बिजली विभाग की नींद टूटी। यह साफ तौर पर ऊर्जा निगम की लापरवाही है और इस लापरवाही में एक व्यक्ति के जाने के बाद उसका पूरा परिवार उजड़ गया है और उसके बच्चों के ऊपर से पिता का साया भी उठ चुका है।
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चलिए आपको बताते हैं कि कल हल्द्वानी में क्या हुआ था और किस वजह से कमल रावत की जान गई। बता दें कि हल्द्वानी में तार टूटने पर बिजली घर से ब्रेकर ट्रिप होने के 5 मिनट के बाद ही बिना कारण पता किए लाइन को जोड़कर बिजली विभाग में करंट दौड़ा दिया। इस दौरान नर्सिंग होम अपनी ड्यूटी पर जा रहा कमल उस तार की चपेट में आ गया। हादसे के 4 घंटे बाद तक ऊर्जा विभाग का एक भी कर्मचारी या अधिकारी मामले की जांच के लिए वहां पर नहीं पहुंचा। यह वाकई असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है। ऊर्जा निगम के 132 केवी बिजलीघर काठगोदाम के रिकॉर्ड के मुताबिक बृजलाल हॉस्पिटल के पास एक हाईटेंशन लाइन का तार टूटने पर फीडर का ब्रेकत ट्रिप कर गया था। बीते शुक्रवार की सुबह ब्रेकर ट्रिप हुआ था। ट्रिप होने के बावजूद भी बिजली विभाग के किसी भी कर्मचारी या अफसर द्वारा कारण पता करने की मेहनत नहीं की गई और 5 मिनट तक बिजली घर में शिकायत ना आने पर सुबह 8:41 पर हाईटेंशन लाइन के ब्रेकर को दोबारा जोड़कर करंट प्रवाहित कर दिया गया।
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दुर्भाग्यवश अपनी साइकिल पर ड्यूटी जा रहा कमल रावत टूटे तार में प्रवाहित हो रहे करंट की चपेट में आ गया और सड़क के बीचों-बीच झुलस कर उसकी की मृत्यु हो गई। जब करंट के कारण झुलसने से युवक की मृत्यु का पता चला तो बिजली घर से 8:55 पर लाइन काटकर आपूर्ति बाधित कर दी गई। वही ऊर्जा विभाग के अफसरों की असंवेदना देखिए कि हादसे के 4 घंटे बाद भी घटनास्थल पर कोई अफसर या कर्मचारी नहीं आया। 4 घंटे के बाद तकरीबन बजे महकमे के एसडीओ नीरज पांडे घटनास्थल पर पहुंचे और युवक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। वहीं ऊर्जा विभाग द्वारा पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद का आश्वासन भी दिया है। मृतक कमल रावत के बड़े भाई नरेंद्र सिंह रावत ने ऊर्जा निगम के सहायक अभियंता को एक शिकायती पत्र लिखकर लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं नरेंद्र ने सभी आरोपी अफसरों और कर्मचारियों पर कार्यवाही के ऊपर कार्यवाही करने के साथ ही कमल की पत्नी को स्थाई नौकरी और आर्थिक मुआवजा देने की मांग भी की है।