पहाड़ के स्कूलों में ये क्या हो रहा है? कागजों में खेल के मैदान...हकीकत में कुछ और
एक तरफ सरकार हर साल खेल महाकुंभ के नाम पर मोटी रकम खर्च कर रही है, लेकिन सरकारी स्कूलों में खेल मैदान तक नहीं बनाए गए। ऐसे में खेल प्रतिभाओं का विकास कैसे होगा?
Oct 5 2020 5:50PM, Writer:Komal Negi
सरकार पहाड़ के स्कूलों में खेल सुविधाएं बढ़ाने के दावे कर रही है। कह रही है कि खिलाड़ियों को स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल प्रदर्शन के आधार पर सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन ये खिलाड़ी स्टेट और नेशनल तब ही तो खेलेंगे, जब स्कूल में खेल मैदान होंगे। कहने को खेल विभाग नए खिलाड़ी तैयार करने पर जोर दे रहा है, लेकिन माध्यमिक स्कूलों में खेल सुविधाएं तो दूर मानक के अनुसार खेल मैदान तक नहीं हैं। अब अल्मोड़ा जिले में ही देख लें। यहां कई स्कूलों में खेल मैदान सिर्फ कागजों पर बने हैं, जबकि हकीकत में मैदान की जगह प्रार्थना स्थल हैं। कई जगह खेल मैदान तो हैं, लेकिन वहां ना तो खेल सामग्री है और ना ही प्रशिक्षक। ऐसे में खिलाड़ी भला कैसे तैयार होंगे। जिले के खिलाड़ी कहते हैं कि अगर सुविधाएं मिलें तो हम भी आसमां छूने का जज्बा रखते हैं, लेकिन खेलों और खिलाड़ियों की समस्या को अब भी कोई गंभीरता से नहीं लेता। अल्मोड़ा जिले में कुल 316 माध्यमिक विद्यालय हैं। जिनमें से 218 स्कूलों में मानकों के अनुसार खेल मैदान नहीं है। इसी तरह 98 स्कूल ऐसे हैं, जहां खेल प्रशिक्षक नहीं हैं। इन तमाम समस्याओं के चलते सभी जरूरी खेलों का संचालन नहीं हो पाता। जिले के 218 हाईस्कूल और इंटर कॉलेज खेल मैदान की कमी से जूझ रहे हैं। आगे पढ़िए
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अल्मोड़ा में खिलाड़ी स्कूल के प्रार्थना स्थल में की गई कामचलाऊ व्यवस्था के भरोसे खुद को तैयार कर रहे हैं। खेल मैदान ना होने की वजह से प्रार्थना स्थल में ही खेल गतिविधियां संचालित की जाती हैं। एक तरफ सरकार हर साल खेल महाकुंभ के नाम पर मोटी रकम खर्च कर रही है। प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने की बात कर रही है, लेकिन इन सबके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं का विकास संभव नहीं हो पा रहा। क्योंकि स्कूलों में खेल मैदान ही नहीं हैं, तो बच्चे खेलेंगे कहां। विद्यालय प्रबंधन समिति और विद्यालय प्रबंधन विकास समिति लंबे वक्त से सरकारी स्कूलों में मानकों के अनुसार 40 गुणा 68 मीटर के खेल मैदान का निर्माण किए जाने की मांग कर रही है, लेकिन विभाग सुन नहीं रहा। इस बारे में मुख्य शिक्षा अधिकारी एचबी चंद ने कहा कि जिन स्कूलों में खेल मैदान नहीं हैं, वहां खेल मैदान के निर्माण के लिए शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव भेजे गए हैं। स्वीकृति मिलने के बाद स्कूलों में खेल मैदान का निर्माण कराया जाएगा।