देहरादून में जबरदस्ती फीस वसूल रहे 43 प्राइवेट स्कूल, शिकायत के बाद कार्रवाई शुरू
शिक्षा विभाग को जिन 43 स्कूलों के खिलाफ शिकायत मिली है, उनमें दून के कई बड़े स्कूल भी शामिल हैं। शिकायत मिलने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है।
Oct 7 2020 6:02PM, Writer:Komal Negi
कोरोना काल में अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव बनाने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। अकेले राजधानी देहरादून में ऐसे 43 प्राइवेट स्कूल हैं, जिनके खिलाफ शिक्षा विभाग और बाल आयोग को शिकायतें मिली हैं। आरोप है कि ये स्कूल ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर फीस के लिए पैरेंट्स पर दबाव बना रहे थे। जबकि सरकार का साफ आदेश है कि अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव ना बनाया जाए। अभिभावक किस्तों में फीस जमा कर सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद दून के स्कूलों की मनमानी जारी है। स्कूल प्रबंधकों ने ना सिर्फ अभिभावकों पर फीस भरने का दबाव बनाया, बल्कि कई ने तो स्कूल की फीस भी बढ़ा दी। अभिभावकों की तरफ से मिली शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। जिन स्कूलों के खिलाफ विभाग को शिकायत मिली है, उनमें सिर्फ छोटे ही नहीं बल्कि बड़े स्कूल भी शामिल हैं। इस लिस्ट में ऐसे स्कूल भी हैं जो अपने नाम और पढ़ाई की वजह से विदेशों में भी जाने जाते हैं। आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - ब्रेकिंग: उत्तराखंड में 5 IAS अधिकारियों के तबादले, 2 मिनट में पढ़िए पूरी खबर
अकेले राजधानी देहरादून में ऐसे 40 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल हैं, जो अलग-अलग मामलों में शिक्षा विभाग से लेकर बाल आयोग तक के निशाने पर हैं। चलिए अब आपको उन स्कूलों के बारे में बताते हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई चल रही है। दून के समर वैली स्कूल के खिलाफ पांच शिकायतें दर्ज हुईं। जिसमें फीस के लिए दबाव बनाने से लेकर फीस ना दे पाने पर छात्र का नाम काटने तक की शिकायत शामिल है। वेल्हम बॉयज के खिलाफ भी पैरेंट्स ने शिक्षा विभाग में शिकायत की। पैरेंट्स ने बताया कि कोरोना काल की दिक्कतों के बीच वेल्हम बॉयज स्कूल ने बोर्डिंग फीस बढ़ा दी। ब्राइटलैंड स्कूल के खिलाफ भी एक शिकायत दर्ज की गई। गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, बिंदाल ब्रांच पर भी फीस के लिए अभिभावकों को परेशान करने का आरोप लगा है। इसके अलावा दिल्ली पब्लिक स्कूल, स्कॉलर्स होम समेत कुल 43 स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग को शिकायतें मिली हैं। जिनकी जांच मुख्य शिक्षा अधिकारी स्तर से हो रही है। मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी ने कहा कि मामले में दोनों ही पक्षों की बात सुनी गई। कुछ में स्कूल की गलती थी तो कुछ में अभिभावकों की। कोरोना काल में मिली 10 से ज्यादा शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है, लेकिन अब भी शिकायतों की लंबी लिस्ट है, जिस पर कार्रवाई की जानी है।