image: Conflict in Congress in uttarakhand

उत्तराखंड कांग्रेस में चुनाव से ठीक पहले गुटबाजी, हरक सिंह रावत को लेकर मचा घमासान

हरक सिंह को लेकर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नरम रुख से पूर्व सीएम हरीश रावत नाराज हैं। इस मामले में उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी चुप्पी तोड़ी।
Oct 26 2020 10:08PM, Writer:Komal Negi

साल 2022 का चुनावी रण नजदीक है। बीजेपी और कांग्रेस समेत तमाम राजनैतिक दल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। बात करें कांग्रेस की तो पार्टी हाईकमान गुटीय खींचतान को कंट्रोल करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है, लेकिन इन कोशिशों का असर दिख नहीं रहा। कांग्रेस के भीतर मचे घमासान से हर कोई वाकिफ है। इस बार इसकी वजह बने हैं कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत। कभी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे हरक सिंह रावत अब बीजेपी में हैं। त्रिवेंद्र सरकार में श्रम और वन जैसे विभाग संभाल रहे हैं, लेकिन बीजेपी में तवज्जो ना मिलने से हरक नाराज भी हैं। हाल में उन्होंने ऐलान किया कि वो साल 2022 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

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डॉ. हरक सिंह रावत के ऐलान करने की देरी थी कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उन्हें लेकर एकदम सुर बदल लिए। कांग्रेस की दिग्गज नेत्री और नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश बोलीं कि हरक को हम चुनाव लड़ाएंगे। वो अच्छे और अनुभवी नेता हैं। बाद में कांग्रेस विधायक दल के उपनेता करन माहरा ने भी कहा, हरक को कांग्रेस में वापस आ जाना चाहिए। वहीं हरीश रावत कैंप कई दिन तक इस मामले में खामोश रहा, लेकिन ये खामोशी शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के फेसबुक पोस्ट से टूटी। हरक सिंह को लेकर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नरम रुख पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने इशारों-इशारों में कड़ी आपत्ति जता दी। रावत ने साफ संकेत दिए कि कांग्रेस में हरक की वापसी के मसले पर उनका समर्थन नहीं मिलने वाला।

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हालांकि हरदा ने फिर से अपना बयान दोहराया कि बागियों के माफी मांगने के बाद ही कुछ विचार होने की संभावना है। जिस पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बागियों की वापसी का फैसला हाईकमान लेगा। इस तरह हरक सिंह रावत को लेकर कांग्रेस के दोनों गुट एक बार फिर आमने-सामने हैं। पिछले दिनों हरदा द्वारा आयोजित ककड़ी पार्टी, नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश द्वारा हुई लालटेन पदयात्रा और दून में हुई प्रदेश स्तरीय बैठक में बड़ी मुश्किल से कांग्रेस के दोनों गुटों के दिग्गज एकजुट हुए थे। बीजेपी के खिलाफ लड़ने का आह्वान भी किया था, लेकिन डॉ. हरक सिंह रावत को लेकर एक बार फिर दोनों गुटों के भीतर घमासान मचा है। ऐसे में गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस साल 2022 के रण की तैयारी कैसे कर पाएगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।


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