पहाड़ की 14 साल की बेटी, आदमखोर गुलदार से किए दो दो हाथ..बहादुरी से जीती जंग
बच्ची का साहस देख गुलदार को भी उल्टे पांव भागना पड़ा। इस तरह बच्ची की जान तो बच गई, लेकिन गुलदार के हमले में वो जख्मी हुई है।
Nov 4 2020 8:17PM, Writer:Komal Negi
बागेश्वर में 14 साल की बच्ची अपनी जान बचाने के लिए गुलदार से भिड़ गई। बच्ची काफी देर तक गुलदार से जूझती रही, साथ ही गांव वालों को मदद के लिए भी पुकारा। बच्ची का साहस देख गुलदार को भी उल्टे पांव भागना पड़ा। इस तरह बच्ची की जान तो बच गई, लेकिन गुलदार के हमले में वो जख्मी हुई है। उसे इलाज के लिए कांडा के सामुदायिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दिनदहाड़े गुलदार के हमले की घटना से गांव में दहशत का माहौल है। लोगों ने वन विभाग से गांव में पिंजरा लगाने की मांग की, ताकि गुलदार को पकड़ा जा सके। घटना खुनौली गांव की है। जहां 14 साल की बच्ची करीना अपने परिवार के साथ रहती है। आम पहाड़ी बच्चियों की तरह करीना पर भी मवेशियों के लिए चारा-पत्ती जुटाने की जिम्मेदारी है। मंगलवार को भी वो हर दिन की तरह चारा-पत्ती लेने के लिए जंगल गई थी। आगे पढिए
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साथ में कुछ सहेलियां भी थीं। तभी सुबह करीब 11 बजे घात लगाए गुलदार ने करीना पर हमला कर दिया। खूंखार गुलदार को सामने देख अच्छे-अच्छों का साहस जवाब दे जाता है, लेकिन करीना डरी नहीं। उसने गुलदार के सामने हार नहीं मानी और उससे जूझने लगी। हमले के दौरान उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। करीना की जान खतरे में देख उसकी सहेलियां भी हल्ला मचाने लगीं। जिसके बाद गुलदार बच्ची को छोड़कर भाग खड़ा हुआ। इस तरह करीना की जान तो बच गई, लेकिन वो गंभीर रूप से जख्मी है। बाद में घायल बच्ची को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट कराया गया। घटना की जानकारी मिलने पर कनिष्ठ उप प्रमुख चांदनी टम्टा ने अस्पताल पहुंचकर बच्ची का हालचाल जाना। किशोरी पर गुलदार के हमले की घटना से लोग डरे हुए हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से गांव में पिंजरा लगाने को कहा। साथ ही पीड़ित बच्ची के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की। बागेश्वर के दूसरे गांवों में भी गुलदार की दहशत बरकरार है। गरुड़ क्षेत्र के गागरीगोल, हवील कुलवान, मन्यूड़ा और क्षेत्रपाल आदि गांवों में गुलदार की बढ़ती धमक से ग्रामीणों में दहशत है। शाम होते ही गुलदार गांव में आ रहा है। यहां गुलदार अब तक कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है। ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में गश्त बढ़ाने की मांग की।