उत्तराखंड में बीएड डिग्रीधारकों के लिए अच्छी खबर, आखिरकार हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
हाईकोर्ट ने ग्रेजुएशन में 50 फीसदी से कम अंक लाने वाले बीएड डिग्रीधारकों को सहायक अध्यापक के खाली पदों पर आवेदन करने के लिए योग्य करार दिया है। आगे पढ़िए पूरी खबर
Dec 3 2020 5:41PM, Writer:Komal Negi
प्रदेश के बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों को नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। साल 2011 से पहले बीएड करने वाले वो अभ्यर्थी जिन्होंने ग्रेजुएशन में 50 फीसदी से कम अंक हासिल किए हैं, अब वो भी सहायक अध्यापक प्रारंभिक शिक्षा के खाली पदों की भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे। कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारकों को सहायक अध्यापक के करीब दो हजार खाली पदों पर आवेदन करने के लिए योग्य करार दिया है। कोर्ट ने इसे लेकर जनरल आदेश पारित करते हुए शिक्षा विभाग से कहा कि इस संबंध में दोबारा अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराएं। ताकि प्रदेश के दूरजराज के क्षेत्रों में रहने वाले अभ्यर्थियों तक भी सूचना पहुंच सके। हाईकोर्ट के इस फैसले से वो अभ्यर्थी राहत महसूस कर रहे हैं, जिन्होंने स्नातक की परीक्षा में 50 फीसदी से कम अंक हासिल किए हैं। आगे पढ़िए
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अब ये लोग भी शिक्षा विभाग की भर्ती परीक्षा में हिस्सा ले सकेंगे। सरकारी स्कूल में शिक्षक बनकर अपना सपना पूरा कर सकेंगे। इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, ये भी बताते हैं। दरअसल शिक्षा विभाग ने बीते 20 नवंबर को सभी जिलों में सहायक अध्यापक के करीब दो हजार पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। इसमें आवेदन के लिए अभ्यर्थी का स्नातक में 50 फीसदी अंकों के साथ बीएड डिग्रीधारी होना अनिवार्य किया गया था। नियम को लागू करते हुए एनसीटीई की गाइडलाइंस का हवाला दिया गया। शिक्षा विभाग की इसी शर्त ने अभ्यर्थियों की टेंशन बढ़ा दी। जो अभ्यर्थी बीएड पास थे, लेकिन ग्रेजुएशन में 50 फीसदी अंक नहीं ला पाए थे, वो भर्ती में हिस्सा नहीं ले सकते थे। आइए अब इस पूरे मामले को भी समझ लीजिए..आगे पढ़िए
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इसे लेकर बागेश्वर की पूनम पंत, अर्जुन सिंह और भुवन चंद्र समेत 50 लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 50 फीसदी अंकों की बाध्यता को चुनौती दी थी। अभ्यर्थियों ने कहा कि उन्होंने बीएड और ग्रेजुएशन साल 2011 से पहले कर रखा है, इसलिए नया नियम उन पर लागू नहीं होता। इस संबंध में हाईकोर्ट ने पहले भी आदेश जारी किए हैं। बुधवार को मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ में हुई। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दे दी। अब ग्रेजुएशन में 50 फीसदी से कम अंक हासिल करने वाले बीएड डिग्री धारक भी शिक्षा विभाग में खाली पदों की भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे।