image: Story of okhalkanda satish chandra paneru

पहाड़ के गरीब घर का बेटा, भाई बहन हैं 8वीं पास..खुद पाई UGC नेट में कामयाबी

मिलिए ओखलाकांडा ब्लॉक के ग्राम सभा डालकन्या के सतीश चंद्र पनेरु से जो अपने पांच भाई-बहनों में आठवीं से अधिक शिक्षा ग्रहण करने वाले एकमात्र सदस्य हैं
Dec 3 2020 7:08PM, Writer:Komal Negi

सफलता की राह में कई चुनौतियों सामने आती हैं, मगर सफल केवल वही होता है जो उन चुनौतियों को पार कर लेता है। बीच में कई अड़चनें आती हैं मगर कठिन परिस्थितियों से न घबराने वाला ही सफलता को प्राप्त करता है। हाल ही में यूजीसी नेट की परीक्षा के परिणाम निकले। इसमें उत्तराखंड के एक होनहार युवक ने सफलता हासिल कर ली है और नेट की परीक्षा संस्कृत विषय से क्रैक कर ली है। नेट की परीक्षा में हर वर्ष सैकड़ो विद्यार्थी बैठते हैं और इसको क्रैक करना बेहद कठिन माना जाता है। मगर उत्तराखंड के एक होनहार युवक के अंदर पढ़ाई की ललक के कारण उसकी नेट की परीक्षा भी क्लियर हो गई है। हम बात कर रहे हैं सतीश चंद्र पनेरु की। सतीश की राह में कई मुश्किलें आईं मगर उन्होंने हार नहीं मानी। पिता का देहांत बचपन में ही हो गया था, संसाधनों की कमी भी हुई मगर उनके मजबूत इरादे कमजोर नहीं हुए। उनके अंदर पढ़ने की इतनी ललक थी कि वे अपने पांच भाई-बहनों में आठवीं से अधिक शिक्षा ग्रहण करने वाले एकमात्र सदस्य हैं।

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सतीश चंद्र पनेरु मूल रूप से ओखलाकांडा ब्लॉक के दूरस्थ ग्राम सभा डालकन्या के रहने वाले हैं और एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता का कुछ साल पहले निधन हो गया और उनके परिवार के पास रहने के लिए खुद का घर भी नहीं है। वे अपने घर में सबसे छोटे हैं और आर्थिक परिस्थिति खराब होने के कारण उनके पांच भाई और बड़ी बहने आठवीं से आगे की पढ़ाई जारी नहीं कर सके। मगर सतीश के अंदर पढ़ाई की ललक थी और उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। दसवीं उन्होंने राज्य के इंटर कॉलेज भोलापुर से की। उनके अंदर पढ़ाई की इस ललक को देखते हुए एक परिचित ने सतीश को हरिद्वार बुलाया जहां पर सतीश ने पंडिताई कर्म करने वाले लोगों के सहायक के रूप में घर का खर्च निकालना शुरू किया और पैसा जुटाना शुरू किया। उनकी मेहनत को देखकर हरी भारतीय संस्कृति विद्यालय हरिद्वार में उनको दाखिला दिलवाया गया और उन्होंने यहां से 64 फ़ीसदी अंकों के साथ इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद संस्कृत में ही उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में डिग्री हासिल की और आखिरकार यूजीसी नेट की परीक्षा संस्कृत में उत्तीर्ण कर ली है।


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