image: Why police uniform colour is khaki

आखिर पुलिस की वर्दी का रंग खाकी क्यों होता है? जानिए 1847 की ये दिलचस्प कहानी

आखिर पुलिस की वर्दी का रंग खाकी ही क्यों है और यह रंग पुलिस को आखिर कैसे मिला। इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए अंत तक पढ़ें-
Dec 9 2020 3:21PM, Writer:Komal Negi

पुलिस की पहचान उसकी खाकी वर्दी से ही है। खाकी रंग की वर्दी और भारतीय पुलिस का सालों से अटूट संबंध चला आ है। शुरुआत से ही हम पुलिस की वर्दी को खाकी के रंग में देखते आ रहे हैं। ऐसे में सवाल ये है कि क्या पुलिस की वर्दी शुरुआत से ही खाकी रंग की थी? आखिर पुलिस की वर्दी का रंग खाकी ही क्यों है और यह रंग पुलिस को कैसे मिला। पूरे भारत मे पुलिस की वर्दी का ऑफिशियल रंग खाकी ही है। कहीं पर खाकी का रंग हल्का होता है तो कहीं पर गहरा। पूरे भारत में एक जगह को छोड़ कर हर जगह की पुलिस की वर्दी का रंग खाकी ही देखा जाता है। पश्चिम बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पुलिस 2 रंग की वर्दी पहनती है। कोलकाता में अब भी पुलिसकर्मी सफेद वर्दी पहनते हैं जबकि पश्चिम बंगाल में पुलिस वाले खाकी वर्दी पहनते हैं।

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अन्य सभी राज्यों के अंदर पुलिस की वर्दी का रंग खाकी ही है। ऐसे में सभी के जहन में एक सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर पुलिस की वर्दी का रंग खाकी ही क्यों होता है। आज हम आपके सभी सवालों का जवाब देंगे और आपको बताएंगे पुलिस की खाकी वर्दी के इतिहास के बारे में। यह बात तब की है जब भारत में अंग्रेजों का शासन था। तब पुलिस की वर्दी का रंग सफेद हुआ करता था। सफेद यूनिफॉर्म जल्दी गंदी हो जाने के कारण पुलिस कर्मचारियों को इस यूनिफार्म से काफी दिक्कत होती थी। लंबी ड्यूटी के चलते पुलिस वालों की यूनिफॉर्म जल्दी गंदी हो जाती थी और उस पर दाग-धब्बे भी लग जाते थे, जिसको साफ करने में काफी मुश्किल होती थी। इसलिए ब्रिटिश अफसरों ने इस यूनिफार्म को बदलने की एक योजना बनाई। वर्दी कम गंदी दिखाई दे इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने एक डाई बनवाई जिस का रंग मिट्टी से मिलता था, इसलिए उस रंग में गंदगी का इतना पता नहीं लगता था। खाकी रंग को बनाने के लिए पुलिस वालों ने अनोखी टेक्नीक का प्रयोग किया। उस समय केमिकल के रंग इतने चलन में नहीं थे, इसलिए पुलिसकर्मियों ने चाय की पत्तियों के पानी का प्रयोग किया और खाकी रंग का ईजाद हुआ।

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सफेद यूनिफॉर्म पर भूरे और पीले रंग की शेड देने से पुलिसकर्मियों की वर्दी में दाग-धब्बे कम दिखाई देते थे। चाय की पत्ती से बनाई हुई खाकी रंग की डाई लगाने के बाद पुलिस की वर्दी अधिक समय तक टिक पाती थी और उसके बाद धीरे-धीरे करके पुलिस वालों की वर्दी सफेद से खाकी होती गई और अब यह पुलिस वालों की एक अलग पहचान बन चुकी है। खाकी एक हल्के पीले और भूरे रंग का मिश्रण है। पहले सफेद यूनिफॉर्म को धूल-मिट्टी से बचाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता था। पहले इसका रंग हल्का भूरा होता था और काफी कम पुलिसकर्मी खाकी वर्दी पहनते थे। अब खाकी को बनाने के लिए सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। सर हैरी लम्सडन ने 1847 ने आधिकारिक तौर पर खाकी रंग की वर्दी को अपनाया और तभी से भारतीय पुलिस में खाकी रंग की वर्दी चली आ रही है । जी हां, यह वर्दी सन 18 से चली आ रही है। उसके बाद से आर्मी की रेजीमेंट और भारतीय पुलिस ने खाकी वर्दी को अपना लिया जो भारत में अभी तक चलती आ रही है।


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