उत्तराखंड: DGP अशोक कुमार का शानदार काम..अब पुलिसकर्मियों का भी होगा वीकली ऑफ़
पुलिसकर्मी काम के बढ़ते दबाव को अपनी नियति मान चुके हैं, लेकिन अब उन्हें साप्ताहिक अवकाश देकर शारीरिक और मानसिक राहत देने की दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं।
Dec 10 2020 3:16PM, Writer:Komal Negi
कोरोना काल में हीरो बनकर उभरी ‘खाकी’ के लिए नवनियुक्त डीजीपी अशोक कुमार ने शानदार काम किया है। प्रदेश में हर वक्त ड्यूटी पर तैनात रहने वाले पुलिसकर्मी भी अब हर हफ्ते साप्ताहिक अवकाश पाएंगे। पुलिस व्यवस्था में सुधार के लिहाज से ये एक बड़ा कदम है। हम सभी जानते हैं कि मैन पॉवर की कमी से जूझते पुलिस महकमे पर इस वक्त किस कदर दबाव है। पुलिसकर्मियों को लगातार ड्यूटी पर तैनात रहना पड़ता है। छुट्टी के लिए लंबी जद्दोजहद करनी पड़ती है। पुलिसकर्मी काम के इस दबाव को अपनी नियति मान चुके हैं, लेकिन जल्द ही उन्हें राहत देने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे। पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ देकर उन्हें शारीरिक और मानसिक राहत देने की दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं
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पुलिस सुधारों की तरफ कदम बढ़ाते हुए नवनियुक्त डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि जल्द ही पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था लागू की जाएगी। शुरुआती तौर पर प्रदेश के नौ पर्वतीय जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने का विचार है। ये प्रयोग सफल रहा तो दूसरे जिलों में भी साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था लागू की जाएगी। हालांकि इसमें एक कंडीशन भी शामिल है। जरूरत पड़ने पर पुलिसकर्मी को ड्यूटी पर आना होगा। कुमाऊं दौरे पर आए डीजीपी अशोक कुमार ने बुधवार को नैनीताल जिले का निरीक्षण किया। इस दौरान डीजीपी ने मीडियाकर्मियों से साइबर अपराध समेत कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों का मुकाबला करने के लिए प्रदेश में चार हजार पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है। नैनीताल-पंतनगर के बीच एक साइबर थाना खोलने की भी योजना है। शासन से इसके लिए स्वीकृति मिल गई है।
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इस वक्त सूचना तकनीक (आईटी) कानून की धारा-78 में इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी को ही इन मामलों में जांच का अधिकार मिला है। परेशानी ये है कि प्रदेश में इंस्पेक्टरों की कमी है। ऐसे में उन पर लोड ज्यादा है। कई बार वो साइबर अपराधों की विवेचना से बचने की कोशिश भी करते हैं। ऐसे में इस एक्ट में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है। एसआई स्तर के अधिकारी को भी साइबर क्राइम के मामलों में विवेचना का अधिकार होना चाहिए। डीजीपी ने बताया कि प्रदेश के हर थाने में एक महिला एसआई और चार महिला कांस्टेबलों की तैनाती अनिवार्य की गई है। साथ ही हर थाने में कैमरे लगे हैं। मौजूदा वक्त में पैसा और रिश्ते दोनों ही ऑनलाइन हो गए हैं। ऐसे में सभी को जागरूक रहने की जरूरत है। हम पुलिस अधिकारियों को साइबर एक्सपर्ट बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।