image: Rudraprayag Akhilesh Rana Army Officer

रुद्रप्रयाग के कमेड़ा गांव का सपूत..सेना में बना अफसर, गांव में जश्न का माहौल

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कमेड़ा गांव के निवासी अखिलेश सिंह राणा बीते शनिवार को देहरादून के आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड में अफसर बनकर भारतीय सेना में शामिल हो गए हैं।
Dec 13 2020 1:34PM, Writer:Komal Negi

देवभूमि उत्तराखंड कई युवाओं की कर्मभूमि भी है और इस मिट्टी में पैदा होने वाले युवाओं के बीच भारतीय सेना में जाने का जुनून सबसे अधिक है। उत्तराखंड को इसलिए सैन्य भूमि भी कहा जाता है। युवाओं के बीच आर्मी में जाने का सपना बचपन से ही पलता है और उत्तराखंड के युवा राज्य के सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कई नौनिहाल अपने परिवार की पीढ़ियों से चली आ रही सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं तो कई युवा अपने परिवार के प्रथम सदस्य के रूप में सेना में भर्ती होकर मां-बाप के साथ पूरे राज्य को गौरवान्वित दिखा रहे हैं। आज हम आपको राज्य के एक ऐसे ही होनहार युवक से रूबरू कराने जा रहे हैं जो आईएमए देहरादून से पास आउट हो गए बीते शनिवार को भारतीय सेना में अफसर बन गए हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कमेड़ा गांव के निवासी अखिलेश सिंह राणा की जो बीते शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड में अफसर बनकर भारतीय सेना में शामिल हो गए हैं।

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उन्होंने 18 महीने तक कठिन प्रशिक्षण किया और उनकी कड़ी मेहनत का फल उनको उनके जीवन के सबसे यादगार तोहफे के रूप में मिला है। आखिरकार अखिलेश सिंह राणा इंडियन आर्मी में अफसर के पद के लिए चुने जा चुके हैं। इस गौरवशाली मौके पर उनके माता-पिता और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।वे मूल रूप से रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि विकासखंड के कमेड़ा गांव के निवासी हैं और पिछले 18 महीनों से देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी आईएमए में प्रशिक्षण ले रहे थे। वे अपने परिवार में सेना में जाने वाले पहले युवा हैं जिसके बाद से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। बीते शनिवार को आईएमए देहरादून में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में वे भारतीय सेना में अधिकारी के पद पर चुने गए हैं।

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उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर जाखधार से हुई और उसके बाद उन्होंने हाई स्कूल तक की पढ़ाई माई गोविंद गिरी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज रुद्रप्रयाग से की। उन्होंने स्नातक एवं स्नातकोत्तर की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से की और उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान ही सेना में जाने के लिए मन बना लिया था और सीडीएस प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी थी। 2019 में अखिलेश सिंह राणा का चयन सीडीएस में हो गया और उसके बाद उन्होंने आईएमए देहरादून में प्रवेश ले लिया जहां पर 18 महीने उन्होंने कठिन प्रशिक्षण किया और शनिवार को आखिरकार उनको उनकी मेहनत का फल सेना में जवान के तौर पर चुने जाने के रूप में मिला। वे अपने तीनों भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और सेना में जाने वाले अपने परिवार के पहले सैन्य अधिकारी भी हैं।


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