उत्तराखंड: मैदानों में कई सालों से जमे शिक्षकों को जाना होगा पहाड़..सख्त हुआ हाईकोर्ट
4 साल से मैदानों में जमे शिक्षकों के अब पहाड़ लौटने का वक्त आ गया है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हरिद्वार के 31 और देहरादून के 40 शिक्षकों को रिलीव कर दिया गया। जानिए पूरा मामला
Dec 19 2020 3:46PM, Writer:Komal Negi
मैदान के मोह से चिपके शिक्षकों के लिए एक दिल तोड़ने वाली खबर है। अब सामान समेटने का वक्त आ गया है, जल्द ही मैदान से निकल कर पहाड़ की राह पकड़नी होगी। उत्तराखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद देहरादून और हरिद्वार जिले में नियमों को ताक पर रखकर पिछले चार साल से जमे शिक्षक अब पहाड़ चढ़ेंगे, जो कि मैदानी क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों के लिए आसान काम नहीं होगा। उत्तराखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने हरिद्वार और देहरादून के शिक्षकों को रिलीव कर दिया है। हरिद्वार से 31 शिक्षकों को रिलीव किया गया, जबकि देहरादून के 40 शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें अब पहाड़ में सेवाएं देनी होंगी। विभाग के इस फैसले से शिक्षकों को थोड़ी दिक्कत तो होगी, लेकिन पहाड़ के बच्चों का भला हो जाएगा। इन शिक्षकों की मूल स्कूलों में तैनाती से पहाड़ के दूरदराज के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या कुछ हद तक दूर हो सकेगी।
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इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ ये भी बताते हैं। 21 नवंबर 2016 को शिक्षा विभाग ने 500 से अधिक शिक्षकों को पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली आदि विभिन्न जिलों से हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंहनगर आदि जिलों में अटैच किया था। मैदानी जिलों में तैनाती पाने वाले शिक्षकों ने अपनी कई पारिवारिक मजबूरियां बताई थीं। बाद में शासन और शिक्षा निदेशालय ने इन्हें मूल विद्यालयों में लौटने को कहा, लेकिन कई बार आदेश देने के बाद भी ये नहीं लौटे। बाद में 19 नवंबर 2020 में इन्होंने हाइकोर्ट में याचिकाएं लगाई थीं, जिन्हें हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिकाएं खारिज होने के बाद शिक्षा विभाग ने इन सभी शिक्षकों को उनके मूल विद्यालयों के लिए रिलीव कर दिया है।