उत्तराखंड पुलिस लॉकडाउन में हुई मालामाल..सिर्फ 7 महीने में वसूले 19 करोड़ रुपये
कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस ने 7 महीने के दौरान दंड के रूप में 19 करोड़ से भी अधिक रुपए का जुर्माना वसूल लिया है।
Dec 23 2020 2:23PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में कोरोना का बढ़ना भले ही सरकार के लिए चिंताजनक हो या मगर पुलिस विभाग कोरोना काल में मालामाल हो रहा है। पुलिस विभाग लगातार लोगों से दंड वसूल रहा है। उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ने के साथ ही सख्ती भी बढ़ गई है और नियमों के उल्लंघन पर लोगों से दंड भी लिया जा रहा है। कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस ने 7 महीने के दौरान दंड के रूप में 19 करोड़ से भी अधिक रुपए का जुर्माना वसूल लिया है। जी हां, पूरे प्रदेश में मास्क में पहनने, सामाजिक दूरी का पालन न करने एवं क्वॉरेंटाइन नियम तोड़ने और सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के 5 लाख से भी अधिक मामले पकड़ कर पुलिस ने 19 करोड़ से भी अधिक रुपयों का जुर्म लोगों से वसूला है। सबसे अधिक दंड नैनीताल पुलिस ने वसूला। वहीं सबसे अधिक नियमों का उल्लंघन देहरादून में हुआ। कोरोना संक्रमण के दस्तक देने के साथ ही उत्तराखंड में सख्ती लागू हो गई थी। पुलिस विभाग द्वारा सख्ती बरतना उसी समय से शुरू हो गया था।
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संक्रमण से बचाव के लिए पुलिस द्वारा कोरोना से संबंधित गाइडलाइन भी जारी कर दी गई थी। गाइडलाइन के नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान पुलिस ने कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतना शुरू किया और बीते 7 महीनों में पुलिस विभाग काफी मालामाल हुआ।उत्तराखंड पुलिस ने नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों से 19 करोड़ से भी अधिक जुर्माना वसूला है। मार्च से लेकर 14 अक्टूबर 2020 तक पुलिस ने प्रदेश भर में कोरोना लक्षण के 5 लाख 28 हजार 672 मामले पकड़े और 19 करोड़ 3 लाख 666 हजार रुपए का शुल्क वसूला। कुल मामलों में सबसे अधिक मामले मास्क ना पहनने के मिले। राज्य में मार्च से लेकर 14 अक्टूबर तक कुल 3 लाख 77, 498 लोगों का चालान मास्क ना पहनने के जुर्म में काटा गया। 76 हजार 297 लोगों का जुर्माना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के जुर्म में काटा गया। 947 मामले क्वॉरेंटाइन के नियम तोड़ने और 216 मामले सोशल मीडिया पर कोरोना संबंधित गलत अफवाह फैलाने के हैं।
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नैनीताल जिले में सबसे अधिक जुर्माना वसूल किया। नैनीताल में 03 करोड़ 87 लाख 18 हजार, ऊधमसिंह नगर में 03 करोड़ 64 लाख 27 हजार, और देहरादून पुलिस ने 03 करोड़ 34 लाख 60 हजार शुल्क वसूला है। बात करें अन्य जिलों की तो टिहरी पुलिस ने 65 लाख 02 हजार, उत्तरकाशी पुलिस ने 46 लाख 32 हजार, चमोली पुलिस ने 44 लाख 35 हजार, रुद्रप्रयाग पुलिस ने 29 लाख 98 हजार, अल्मोड़ा जिले में 69 लाख 66 हजार, पौड़ी पुलिस ने 92 लाख 87 हजार, हरिद्वार पुलिस ने 02 करोड़ 90 लाख 50 हजार, बागेश्वर जिले में 52 लाख 54 हजार, चंपावत जिले में 49 लाख 62 हजार, पिथौरागढ़ में 76 लाख 34 हजार और जीआरपी की ओर से 42 हजार रुपये संयोजन शुल्क वसूला गया। बात करें नियम और कानून के उल्लंघन की तो राजधानी दून ने सभी जिलों को इसमें पछाड़ दिया है और बीते 7 महीने में राजधानी दून के अंदर सबसे अधिक नियम एवं कानूनों का उल्लंघन हुआ है। नियम तोड़ने के मामले में राजधानी देहरादून के लोग सबसे आगे रहे। देहरादून में कोरोना नियम उल्लंघन के 01 लाख 55 हजार 489, हरिद्वार में 92 हजार 466, नैनीताल में 72 हजार 685 मामले पकड़े गए। ऊधमसिंह नगर में 72 हजार 13, टिहरी में 27 हजार 843, उत्तरकाशी में 11 हजार 197, चमोली में 09 हजार 156, रुद्रप्रयाग में 9 हजार 250, पौड़ी में 27 हजार 791, अल्मोड़ा में 12 हजार 498, बागेश्वर में 16 हजार 125, चंपावत में 8 हजार 961, , पिथौरागढ़ में 12 हजार 888, नैनीताल में 72 हजार 685 और जीआरपी ने 310 मामले पकड़े गए।