देहरादून में अब अपनी मर्जी से सड़कें खोदी तो खैर नहीं..तैयार हो रहा है सख्त नियम
अगर आप भी अपने घर के आस-पास सड़कों की खुदाई से परेशान हैं तो समस्या का समाधान हो गया समझो। इसे रोकने के लिए जल्द ही नीति बनाई जाएगी। आगे पढ़िए पूरी खबर
Jan 4 2021 1:55PM, Writer:Komal Negi
विकास योजनाओं के नाम पर जगह-जगह खोदी गई सड़कें दूनवासियों का दर्द बढ़ा रही हैं। कहीं पाइप लाइन बिछ रही है तो कहीं सीवर लाइन। कहीं फोन केबिल बिछाई जा रही है। अलग-अलग वजहों से खोदी जा रही सड़कों से दूनवासी आजिज आ चुके हैं। प्रशासन से कई बार शिकायत करते हैं, लेकिन कोई सुनता नहीं। अगर आप भी अपने घर के आस-पास सड़कों की खुदाई से परेशान हैं तो समस्या का समाधान हो गया समझो। दून में सड़कों की खुदाई से परेशान मेयर सुनील उनियाल गामा ने इसे रोकने के लिए नीति बनाने की तैयारी कर ली है। इसका मतलब ये है कि विभाग बिना अनुमति के सड़कें नहीं खोद सकेंगे।
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महापौर ने बताया कि निगम में सड़कों की खुदाई को लेकर हर दिन शिकायतें आ रही हैं। विभाग या निजी कंपनी के लोग सड़क खोदकर महीनों गायब हो जाते हैं, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। सड़कों की खुदाई की वजह से क्षेत्र में गंदगी हो रही है, आए दिन हादसे हो रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए निगम जिला प्रशासन से बात कर ऐसी नीति बनाना चाह रहा है, जिससे मनमर्जी से सड़कें खोदी न जा सकें। दून की सड़कों का हाल किसी से छिपा नहीं है। एक तरफ शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ सड़कों का हाल बुरा है। पेयजल लाइन, सीवर लाइन, भूमिगत गैस पाइप लाइन, मोबाइल केबिल और बिजली के खंभों के लिए जगह-जगह सड़कें खोद दी गई हैं।
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दून-सहारनपुर रोड पर गैस पाइप लाइन के लिए सड़क खोदी गई है, जिससे आम लोग और व्यापारी परेशान हैं। महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि सबसे बड़ी परेशानी ये है कि विभागों के बीच आपस में समन्वय नहीं है। पहले एक विभाग खुदाई करता है तो अगले ही महीने दूसरा विभाग वहां पहुंच जाता है। महापौर ने कहा कि वो ऐसी नीति बनाना चाहते हैं, जिसमें सड़क की खुदाई के लिए समय निर्धारित कर दिया जाए। जिस भी विभाग या कंपनी को खुदाई करनी है वो इसके लिए नगर निगम और जिला प्रशासन में आवेदन करें। इसके बाद समन्वय समिति एक समय अवधि तय करेगी। विभाग और कंपनियों को इसी तय समय में काम निपटाने होंगे। इससे सड़कों को बार-बार नहीं खोदना पड़ेगा। समय और धन की बर्बादी भी नहीं होगी। महापौर इस संबंध में जल्द ही जिलाधिकारी और नगर आयुक्त के साथ बैठक करने वाले हैं, जिसमें जरूरी फैसले लिए जाएंगे।