उत्तराखंड में बनेगी पहली क्रोकोडाइल सफारी..जानिए प्रोजक्ट की खास बातें
ये उत्तराखंड की पहली क्रोकोडाइल सफारी होगी, जो कि खटीमा के सुरई रेंज के खकरा नाले में बनाई जाएगी। आगे जानें प्रोजेक्ट की खास बातें
Jan 11 2021 5:28PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड सरकार की पहल पर राज्य में पर्यटन से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। यहां का कॉर्बेट नेशनल पार्क जंगल सफारी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। लोग बाघ-हाथियों का दीदार करने के लिए दूर-दूर से उत्तराखंड आते हैं, जल्द ही लोग यहां क्रोकोडाइल सफारी का रोमांच महसूस करने आएंगे। ऊधमसिंहनगर जिले में क्रोकोडाइल सफारी बनने जा रही है। ये उत्तराखंड की पहली क्रोकोडाइल सफारी होगी, जो कि खटीमा के सुरई रेंज के खकरा नाले में बनाई जाएगी। क्रोकोडाइल सफारी का काम शुरू हो चुका है। यहां 2 किलोमीटर क्षेत्र में क्रोकोडाइल सफारी बनाई जा रही है। सुरई रेंज वन्य जीवों से भरा है, इसलिए वन विभाग इसे पर्यटन हब बनाने की तैयारियों में जुट गया है। इसी कड़ी में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्ल्यूडब्ल्यूआई ने खटीमा स्थित ककराह नाले के मगरमच्छों पर अध्ययन के बाद इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ वाइल्ड लाइफ हैबीटेट योजना के तहत भारत सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा था। केंद्र की तरफ से प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। अब राज्य की स्वीकृति मिलने का इंतजार है। आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - देहरादून में कोहरे ने बढ़ाई ठंड..एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर पाई फ्लाइट..वापस दिल्ली लौटी
सुरई रेंज में 2 किमी के क्षेत्र में क्रोकोडाइल सफारी का निर्माण कराया जाएगा। डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि सुरई वन रेंज के बीच बहने वाले खकरा नाले में यूपी सीमा के पास 2 किलोमीटर की रेंज में 150 से ज्यादा क्रोकोडाइल रहते हैं। यहां इनका प्राकृतिक वास बनाने के लिए काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने यहां क्रोकोडाइल सफारी के लिए अनुमति दे दी है। इसके साथ ही ये ड्रीम प्रोजेक्ट जल्द ही हकीकत का रूप लेने वाला है। यहां लोग क्रोकोडाइल देखने आएंगे। पर्यटकों को क्रोकोडाइल दिखाने के लिए यहां इलेक्ट्रिक कार चलेगी। खकरा नाले के दोनों तरफ पर्यटकों की सुरक्षा के लिए फेंसिंग की जाएगी। इस क्षेत्र में मगरमच्छ बड़ी तादाद में रहते हैं। ठंड में धूप खिलते ही सैकड़ों मगरमच्छ नाले के किनारे आकर बैठ जाते हैं। अब इस क्षेत्र को क्रोकोडाइल सफारी के रूप में विकसित करने का काम चल रहा है। जिससे पर्यटक भी यहां घूमने का अवसर हासिल कर सकेंगे। क्रोकोडाइल सफारी शुरू होने से क्षेत्र में पर्यटन संबंधी गतिविधियां बढ़ेंगी, सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी।