image: Pithoragarh leopard attack on women

उत्तराखंड: गुलदार के हमले में महिला की मौत..अनाथ हो गए 4 बच्चे

गुलदार के हमले में जान गंवाने वाली महिला का पति पिछले कई साल से लापता है। घर में चार बच्चे हैं। मां की मौत के बाद घर का चूल्हा जलना भी मुश्किल हो गया है।
Jan 26 2021 4:40PM, Writer:Komal Negi

पहाड़ में इंसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष थम नहीं रहा। गुलदार के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे लोग डरे हुए हैं। ताजा मामला पिथौरागढ़ के देवलथल तहसील का है। जहां हराली गांव में गुलदार ने एक महिला पर हमला कर उसे मार डाला। गुलदार के हमले में मरने वाली महिला के चार बच्चे हैं। उसका पति पिछले कई साल से लापता है। महिला की मौत के बाद अब उसके बच्चे अनाथ हो गए हैं। उनके सामने परवरिश का संकट पैदा हो गया है। घटना के बाद से लोगों में वन विभाग और प्रशासन को लेकर गुस्सा है। ग्रामीणों के पास गुस्से की वजह भी है। दरअसल क्षेत्र में गुलदार के हमले में मौत की ये पहली घटना नहीं है। दो महीने के भीतर क्षेत्र में ऐसी 3 घटनाएं हो चुकी हैं।

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पहले मोड़ी गांव में गुलदार ने एक महिला को मारा, बाद में रिण में भी एक महिला गुलदार का निवाला बन गई और अब हराली गांव में भी यही हुआ। घटना सोमवार की है। देवलथल के हराली गांव में रहने वाले शंकर राम की पत्नी 40 वर्षीय खीमा देवी पास के जंगल में घास काटने गई थी। साथ में गांव की अन्य महिलाएं भी थीं। इस दौरान घात लगाए गुलदार ने खीमा पर हमला कर दिया। गुलदार ने महिला का गला दबोच लिया। साथ की महिलाएं शोर मचाने लगीं, लेकिन गुलदार ने खीमा को नहीं छोड़ा। कुछ देर बाद गुलदार जंगल में चला गया। गुलदार के जाने के बाद महिलाएं मौके पर पहुंचीं तो खीमा की मौत हो चुकी थी। बाद में ग्रामीणों ने वन विभाग और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। महिला पर हमला करने से पहले तेंदुए ने पास में ही घास चर रही एक बकरी को भी मारा था।

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खीमा देवी की मौत के बाद उसके चार बच्चे अनाथ हो गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि खीमा देवी का पति पिछले कई साल से लापता है। वो बकरी पालकर और घास बेचकर बच्चों को पाल रही थी, लेकिन अब मां की मौत के बाद बच्चों का एकमात्र सहारा भी छिन गया है। खीमा की बड़ी बेटी डिग्री कॉलेज में पढ़ती है जबकि एक इंटर में है। दो छोटे बेटे हैं। मां की मौत के बाद परिवार का चूल्हा जलना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने सरकार से पीड़ित परिवार को तुरंत मुआवजा देने की मांग की। आपको बता दें कि इससे पहले 17 और 19 दिसंबर को भी गुलदार के हमले में दो महिलाओं की मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने कहा कि अगर वन विभाग ने समय रहते सुरक्षा के उपाय किए होते तो शायद खीमा देवी की जान बच जाती।


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