उत्तराखंड: गुलदार के हमले में मां की हुई मौत..15 हजार देकर इन बच्चों को भूला प्रशासन
सीमा देवी की मौत के बाद उसके चार बच्चे बेसहारा हो गए हैं। इन बच्चों के पिता शंकर राम पिछले 10 सालों से लापता हैं। पति की गुमशुदगी के बाद सीमा देवी ही बच्चों का लालन-पालन कर रही थी।
Jan 30 2021 9:08PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड का सीमांत जिला पिथौरागढ़। पांच दिन पहले यहां गुलदार के हमले में एक महिला की मौत हो गई। हमारे और आपके लिए शायद ये एक सामान्य सी खबर हो, लेकिन किसी अपने के चले जाने का दर्द क्या होता है, ये मरने वाली महिला के बच्चों से पूछिए। गुलदार के हमले में जान गंवाने वाली महिला का नाम सीमा देवी था। वो हराली गांव में अपने परिवार के साथ रहती थी। सीमा देवी की मौत के बाद उसके चार बच्चे बेसहारा हो गए हैं। इन बच्चों के पिता शंकर राम पिछले 10 सालों से लापता हैं। पति की गुमशुदगी के बाद सीमा देवी ही बच्चों का लालन-पालन कर रही थी।
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सीमा देवी बकरी पालकर और घास बेचकर बच्चों को पाल रही थी, लेकिन दुर्भाग्य से इन बच्चों के पास अब वो सहारा भी नहीं रहा। वन विभाग ने भी मृत महिला के बच्चों को तात्कालिक सहायता के नाम पर 15 हजार रुपये थमा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। इसके अलावा बच्चों को फिलहाल कोई सहायता नहीं मिल पाई है। इन बच्चों के पिता पहले ही लापता हैं और अब मां भी नहीं रही। ऐसे में पढ़ाई कर रहे इन बच्चों के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
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सीमा देवी के दो बेटे और दो बेटियां हैं। फिलहाल पड़ोस के लोग इस परिवार की मदद कर रहे हैं, लेकिन यह मदद ज्यादा लंबी नहीं चल पाएगी। सीमा देवी की दो बेटियां डिग्री कॉलेज में पढ़ती हैं। जबकि दो बेटे स्कूल में पढ़ रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य जगदीश कुमार ने कहा कि सरकार-प्रशासन पीड़ित परिवार की सुध नहीं ले रहे। सरकार को पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए, ताकि वो जीवन की गाड़ी को आगे खींच सकें। वहीं वन क्षेत्राधिकारी डीसी जोशी ने कहा कि गुलदार के हमले में मारी गई महिला के परिजनों को तात्कालिक सहायता दी गई है। पूरे मुआवजे के लिए पत्रावली शासन को भेज दी गई है। जल्द ही परिवार को मुआवजा दे दिया जाएगा।