देहरादून-दिल्ली इकोनॉमिक कॉरिडोर की घोषणा, 2023 तक पूरा होगा 6 लेन हाईवे..जानिए खूबियां
इकोनॉमिक कॉरिडोर के बनने से दिल्ली और देहरादून के बीच सड़क मार्ग की दूरी 235 किमी से घटकर 210 किमी रह जाएगी। इससे दिल्ली से देहरादून पहुंचने में महज 2 घंटे 50 मिनट लगेंगे।
Feb 27 2021 7:58PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से देश की राजधानी दिल्ली का सफर आसान होने जा रहा है। शुक्रवार को केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बहुप्रतीक्षित दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर की घोषणा की। अब दिल्ली-दून हाईवे का काम तेजी से आगे बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर उत्तराखंड के लिए 5400 करोड़ की लागत की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया। करीब 210 किलोमीटर लंबाई के इस सिक्स लेन कॉरिडोर की कुल लागत 12,300 करोड़ है। इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें हरिद्वार के लिए नई कनेक्टिविटी की घोषणा भी की गई।दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर में सहारनपुर बाईपास से 6-लेन का नया मार्ग बनाया जाएगा। इसके बनने से दिल्ली से हरिद्वार की दूरी घटकर 2 घंटे रह जाएगी। अभी इसमें 6 घंटे का वक्त लगता है। यही नहीं दिल्ली और देहरादून के बीच सड़क मार्ग की दूरी भी 235 किमी से घटकर 210 किमी की हो जाएगी। दिल्ली से देहरादून पहुंचने में महज 2 घंटे 50 मिनट लगेंगे।
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प्रोजेक्ट के तहत सेक्शन 1 में सर्विस रोड के साथ 6 लेन की सड़क बनाई जाएगी। पहले पैकेज में 14.75 किमी का हिस्सा दिल्ली में आएगा। इसमें 6.4 किमी लंबी रोड एलिवेटेड होगी, जबकि पैकेज दो के तहत यूपी में 16.85 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी। सेक्शन-2 में पूरी सड़क 6 लेन की ग्रीनफील्ड होगी। इस सेक्शन के तहत बनने वाली सड़क उत्तर प्रदेश के बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले से होकर गुजरेगी। सेक्शन-3 के तहत सहारनपुर बाईपास से सड़क निर्माण शुरू होगा। यह गणेशपुर तक जाएगा। सेक्शन-4 के तहत सिक्स लेन का सड़क निर्माण कार्य किया जाएगा। इस सेक्शन के तहत बनने वाली सड़क उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड स्थित रिजर्व फॉरेस्ट से होकर गुजरेगी। इस खंड के लिए भी काम का ठेका मार्च 2021 तक देने का लक्ष्य रखा गया है। इस कॉरिडोर की सबसे खास बात यह है कि यह देश का पहला ऐसा राजमार्ग होगा, जिसमें वन्य जीवों के संरक्षण के लिए 12 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इस कॉरिडोर के बन जाने से सफर आसान होगा, साथ ही दिल्ली और उत्तराखंड के आर्थिक विकास को रफ्तार भी मिलेगी।