उत्तराखंड: लॉकडाउन में नौकरी गई तो रवि ने खोला अपना फूड स्टॉल..अब हो रही है अच्छी कमाई
लॉकडाउन में नौकरी गई तो रवि सिंह धौनी गांव लौट आए। यहां उन्होंने अपना फूड स्टॉल खोला। आज वो न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि क्षेत्र के दो लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।
Mar 4 2021 8:43PM, Writer:Komal Negi
आपदा की चुनौतियों को अवसर में कैसे बदलना है, ये पहाड़ियों से बेहतर भला कौन जान सकता है। अब कोरोना काल का उदाहरण ही ले लें। इस बुरे वक्त में जहां कुछ लोग निराश होकर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे, तो वहीं कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने नई शुरुआत कर दूसरों के लिए मिसाल पेश की। चंपावत के रहने वाले रवि सिंह धौनी ऐसी ही शख्सियत हैं। सीमांत क्षेत्र कांकड़ी मडलक में रहने वाले प्रवासी रवि सिंह धौनी दूसरे पहाड़ी भाईयों की तरह दूसरे शहर में काम करते थे। वो हरियाणा, दिल्ली और पंजाब जैसे कई राज्यों में जॉब कर चुके हैं। पिछले साल लॉकडाउन लगने के बाद हजारों लोगों की तरह रवि सिंह धौनी को भी अपनी जॉब गंवानी पड़ी। वो गांव लौट आए। यहां आकर उन्होंने अपना काम शुरू करने की सोची और पुल हिंडोला में खुद का फास्ट फूड का कारोबार शुरू कर दिया। रवि सिंह मेहनती तो थे ही, इस तरह धीरे-धीरे उनका काम चल निकला।
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आज रवि सिंह न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि क्षेत्र के दो लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। छह महीने की मेहनत के बाद उनका फास्ट फूड का कारोबार गति पकड़ चुका है। रवि ने बिना किसी बैंक की सहायता के अपनी जमा पूंजी से ही स्वरोजगार शुरू किया है। वह मोमो, चाउमीन और दूसरे चाइनीज फूड आइटम्स बनाते हैं। जिनका स्वाद लोगों को खूब भा रहा है। उनके फूड स्टॉल में तैयार व्यंजनों को स्थानीय लोग हाथों हाथ ले रहे हैं। रवि सिंह धौनी कहते हैं कि स्थानीय युवा रोजगार के लिए पलायन कर दूसरे शहरों का रुख करते हैं, जबकि हमारे पहाड़ में रोजगार की संभावनाओं की कमी नहीं है। बस जरूरत है तो इन संभावनाओं को अवसर में बदलने की। युवा पलायन करने की बजाय अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं को महानगरों में भटकने की बजाय अपने क्षेत्र में ही रोजगार के अवसर तलाशने चाहिए।