उत्तराखंड: कोरोना का टीका लगवाने के बाद भी SSB जवान कोरोना पॉजिटिव..मचा हड़कंप
कोरोना पॉजिटिव मिले लोगों में एसएसबी जवान और दो स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। कोरोना का टीका लगवाने के बावजूद ये लोग कोरोना संक्रमित पाए गए, घटना से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है।
Mar 9 2021 1:33PM, Writer:Komal Negi
देश में तीसरे चरण का वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो गया है। बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है, हालांकि इस बीच प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगवाने के बावजूद तीन लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने की खबर आई है। कोरोना पॉजिटिव मिले लोगों में एसएसबी जवान और दो स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। इस घटना के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। पहला मामला चंपावत जिले का है। यहां एसएसबी का एक जवान कोरोना वैक्सीनेशन के बाद भी पॉजिटिव निकला है। जवान को 11 फरवरी को चंपावत के जिला अस्पताल में कोविड टीका ‘कोविशील्ड’ लगाया गया था। टीके की पहली डोज लगाने के दो दिन बाद जवान छुट्टी पर अपने घर गया था। सोमवार को वाहिनी में वापसी पर उसका एंटीजन टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पीड़ित एसएसबी जवान पंचम वाहिनी में तैनात है और पंजाब का रहने वाला है। अस्पताल के डॉ. मनीष बिष्ट ने जवान की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिलने की पुष्टि की। इस मामले में सीएमओ डॉ.आरपी खंडूरी का कहना है कि मंगलवार को ट्रूनेट जांच की जाएगी।
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इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। पिथौरागढ़ में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां मुनस्यारी में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाने के बावजूद दो स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। सोमवार को आरटीपीसीआर रिपोर्ट में दोनों स्वास्थ्यकर्मियों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। जानकारी के मुताबिक टीका लगवाने के 24 दिन बाद दोनों स्वास्थ्यकर्मी एक कोरोना संक्रमित महिला के संपर्क में आए थे। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि दूसरी डोज लगने के बाद ही वैक्सीन पूरी तरह कारगर होती है, लेकिन कोरोना पॉजिटिव मिले स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लग चुकी है। इसे लेकर अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि 26 फरवरी को दोनों स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित महिला के संपर्क में आए थे। उस वक्त दोनों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ही लगी थी। तीन मार्च को दोनों कर्मियों को दूसरी डोज लगाई गई। पहली डोज लगाने के बाद भी संक्रमण हो सकता है। टीके की दूसरी डोज के दो हफ्ते बाद ही संबंधित को कोरोना से सुरक्षा मिलती है। बहरहाल मामले की जांच की जा रही है।