image: Muslim Society decree in Uttarakhand

उत्‍तराखंड की मुस्लिम सोसायटी का फरमान..महिलाओं का मैरिज हॉल जाना हराम

मुस्लिम सोसायटी को महिलाओं के मैरिज हॉल में जाने से परेशानी है। उनके शादी में खड़े होकर खाने से दिक्कत है। सोसायटी के इस फरमान को लेकर अब बहस भी शुरू हो गई है।
Apr 11 2021 12:19PM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड की एक मुस्लिम सोसायटी ने महिलाओं के लिए बेहद अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है।सोसायटी का कहना है कि वो मैरिज हॉल में न जाएं। उनके शादियों में खड़े होकर खाना खाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। जागरण की खबर के मुताबिक सोसायटी के इस फरमान को लेकर अब बहस शुरू हो गई है। इस मामले में राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इसे तुगलकी फरमान करार दिया। मामला ऊधमसिंहनगर के काशीपुर का है। जहां छीपी वेलफेयर नाम की मुस्लिम सोसायटी ने महिलाओं के लिए तुगलकी फरमान या फिर यूं कहें कि फतवा जारी किया है। इस सोसायटी को महिलाओं के मैरिज हॉल में जाने से परेशानी है। उनके शादी में खड़े होकर खाने से दिक्कत है। गुरुवार को बिस्मिल्लाह मैरिज हॉल में सोसायटी की बैठक हुई। जिसमें मैरिज हॉल में महिलाओं के जाने, खड़े होकर भोजन करने, बारात में डीजे बजाने, कव्वाली, आतिशबाजी छोड़ने, फूलों की बारिश करने और नाच-गाने जैसे कार्यक्रमों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई।

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मुस्लिम सोसायटी ने महिलाओं को लेकर जो नियम बनाए हैं, अब उन्हीं को लेकर विरोध हो रहा है। राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो ने कहा कि महिलाओं के मैरिज हॉल जाने पर आखिर क्या दिक्कत हो सकती है। ये सिर्फ महिलाओं के अधिकारों को सीमित करने की साजिश है। क्या पुरुष प्रधान समाज में नियम सिर्फ महिलाओं के लिए ही लागू होते हैं। वहीं छीपी वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारी कह रहे हैं कि ये नियम समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए बनाए गए हैं। समाज की बेहतरी और बदलाव के लिए यह जरूरी है। इस फैसले का हर कोई सम्मान और समर्थन कर रहा है। सभी सदस्य इसका बखूबी पालन भी करेंगे। ये नियम युवाओं को अच्छे संस्कार देने के लिए बनाए गए हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।


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