उत्तराखंड: 72 साल की सीता देवी, 20 तक पहुंचा ऑक्सीजन लेवल..फिर भी कोरोना को हराया
ऑक्सीजन लेवल 20 पर पहुंचने पर भी 72 वर्षीय सीता देवी ने हिम्मत और हौसले के बलबूते पर कोरोना वायरस को मात दे दी है और जिंदगी की जंग जीतकर वे स्वस्थ हो गई हैं।
May 20 2021 7:59PM, Writer:Komal Negi
राज्य में कोरोना का खौफ अपने चरम पर है। लोग लगातार कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। संक्रमण की चपेट में आने से अधिकांश लोगों को अस्पताल ले जाने की नौबत आ रही है। ऑक्सीजन का लेवल गिरने से लोगों की मृत्यु हो रही है। मगर इस महामारी को जज्बे एवं हौसले से जीता जा सकता है। डॉक्टरों का यह भी कहना जा कि कोरोना का खौफ शारीरिक रूप से ज्यादा मानसिक है। आसपास की तमाम बुरी खबरें सुनकर लोग डर रहे हैं। अधिक उम्र वालों के लिए कोरोना वायरस खतरनाक बताया गया है। मगर जिनमें इच्छाशक्ति और जीने की अभिलाषा होती है वे मौत को भी मात दे कर वापस लौट आते हैं। कोरोना की यह लड़ाई तन से अधिक मन से है और अगर मन स्थिर है तो यह लड़ाई मुश्किल नहीं बल्कि आसान हो जाती है। लोग हिम्मत और जज्बे के बलबूते पर इस वायरस के खिलाफ जंग जीत रहे हैं। केवल जवान ही नहीं बल्कि बुजुर्ग लोग भी इच्छाशक्ति के कारण इस वायरस को हरा रहे हैं। आज हम एक ऐसी ही पॉजिटिव खबर लेकर आए हैं। चंपावत की 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने कोरोना से जंग जीत ली है। ऑक्सीजन लेवल बेहद कम होने के बावजूद भी उन्होंने कोरोना को मात दे दी है और पूर्णत: स्वस्थ हो गई हैं।
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हम बात कर रहे हैं चंपावत जिले के 72 वर्षीय सीता देवी की जिन्होंने अपनी इच्छाशक्ति और हौसले के दम पर कोरोना वायरस को मात दी और जिंदगी की जंग जीतकर वे सकुशल घर लौट आई हैं। आपको बता दें कि संक्रमण उनके फेफड़ों तक पहुंच चुका था। यहां तक कि उनका ऑक्सीजन लेवल भी 20 तक गिर गया था। इतनी कम ऑक्सजीन में भी उन्होंने जीवन को चुना और मृत्यु के मुंह से वापस आ गईं। ऑक्सीजन कम होने के बाद चंपावत की 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला सीता बेहोश भी हो गईं और बेहोशी की हालत में उनको अस्पताल ले जाया गया जहां पर डॉक्टर मलिक ने उनका उपचार शुरू किया और 3 दिन तक वेंटिलेटर में रहने के बाद सीता ने कोरोना से रिकवर करना शुरू किया और अपने हौसले के दम पर भी 10 दिन के अंदर ही कोरोना को मात देकर वे अपने घर लौट गईं। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि उनका ऑक्सीजन लेवल बेहद कम था इसके बावजूद भी वे अपनी हिम्मत और हौसले के कारण स्वस्थ हैं। अस्पताल प्रशासन ने भी उनके स्वस्थ होने पर खुशी प्रकट की है।
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उनके बेटे कुलदीप ने बताया कि उनकी मां हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुई थीं और अचानक ही उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगी। उन्होंने बताया कि जिस स्थिति में वे अपनी मां को लेकर अस्पताल पहुंचे थे तब उन सबने आशा छोड़ दी थी। सीता देवी बेहोश हो गईं थीं और ऑक्सीजन लेवल लगातार कम हो रहा था। जीवन अनमोल अस्पताल के प्रबंधक दीपक जोशी ने बताया कि लोहाघाट की निवासी 72 वर्षीय सीता देवी को गंभीर अवस्था में उपचार के लिए लाया गया था और उस समय उनका ऑक्सीजन लेवल 20 था। इसके बाद अस्पताल के डॉक्टर प्रशांत मलिक एवं डॉ अभिषेक चौधरी ने उनका उपचार करना शुरू किया और उनको 3 दिन वेंटिलेटर रखने के बाद उनकी हालत में सुधार आने लगा और ऑक्सीजन लेवल भी 95 पर पहुंच गया। 10 दिन के बाद वे पूरी तरह से रिकवर कर गईं और सकुशल घर पहुंच गईं। उनके घर पहुंचने पर जहां एक ओर उनके परिजन खुश हैं तो वहीं डॉक्टर एवं अस्पताल के अन्य स्टाफ के बीच भी खुशी का माहौल है।