उत्तराखंड: मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ाएंगे निजी स्कूल, शिक्षा विभाग ने जारी किया सख्त आदेश
स्कूल बंद होने पर स्कूल प्रबंधन ट्यूशन फीस में केवल शिक्षण शुल्क ले सकते हैं, लेकिन कई स्कूलों ने चालाकी से ट्यूशन फीस में स्पोर्ट्स, कंप्यूटर, लाइब्रेरी आदि के शुल्क को शामिल कर इसे काफी बढ़ा दिया है।
May 22 2021 2:48AM, Writer:Komal Negi
कोरोना काल में एक बार फिर सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में हो रही है। शिक्षा विभाग ने साफ कहा है कि इस दौरान स्कूल संचालक ट्यूशन फीस में केवल शिक्षण शुल्क ले सकते हैं, लेकिन कई स्कूलों ने चालाकी से ट्यूशन फीस में स्पोर्ट्स, कंप्यूटर, लाइब्रेरी आदि के शुल्क को शामिल करते हुए ट्यूशन फीस को काफी बढ़ा दिया है। कई अभिभावकों ने इसे लेकर शिक्षा विभाग से शिकायत की थी, जिसके बाद शिक्षा विभाग मनमाने ढंग से ट्यूशन फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। शुक्रवार को डीजी शिक्षा विनय शंकर पांडेय ने सभी सीईओ को स्कूलों के फीस ढांचे की जांच करने को कहा है। महानिदेशक शिक्षा ने राज्य में बंद चल रहे स्कूलों की फीस भुगतान की प्रक्रिया को लेकर जरूरी निर्देश जारी किए हैं।
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आदेश के अनुसार स्कूल बंद रहने पर ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले स्कूल केवल ट्यूशन फीस ले सकते हैं। इसके अलावा अभिभावकों से कोई अन्य शुल्क नहीं लिया जाएगा। फीस देने में असमर्थ अभिभावकों को फीस अदा करने के लिए समय दिया जाएगा। फीस न चुकाए जाने पर किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा। नियमित रूप से वेतन पाने वाले सरकारी, अर्द्ध सरकारी अधिकारी-कर्मचारी और आर्थिक रूप से अप्रभावित अभिभावकों को नियमित रूप से स्कूल की फीस देनी होगी। आदेश में कहा गया कि कुछ स्कूल शिक्षण शुल्क में अनुचित ढंग से बढ़ोतरी कर रहे हैं, जो कि निर्देशों का उल्लंघन है। महानिदेशक शिक्षा ने विभागीय अधिकारियों को ऐसे स्कूलों को चिन्हित कर, जांच में दोषी पाए जाने वाले स्कूलों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।