image: Smriti Irani congratulates Nitika Dhoundiyal

लेफ्टिनेंट नितिका ढौंडियाल को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का संदेश..आप नारी शक्ति की मिसाल हैं

केंद्रीय वस्त्र एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने नितिका ढौंडियाल के सैन्य अफसर बनने पर उन्हें बधाई दी है।
May 30 2021 2:56AM, Writer:Komal Negi

शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी नितिका ढौंडियाल विधिवत रूप से सेना में अफसर बन गईं। कड़ी ट्रेनिंग के बाद वह वह इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। शनिवार को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उनके कंधे पर सितारे लगाकर उनको बधाई दी। केंद्रीय वस्त्र एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने नितिका ढौंडियाल के सैन्य अफसर बनने पर उन्हें बधाई दी है। स्मृति ईरानी ने लिखा है कि नितिका ढौंडियाल भारत में नारी शक्ति की सबसे बड़ी मिसाल हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि शहीद मेजर विभूति धौंडियाल आज गर्व से मुस्कुरा रहे होंगे। उन्हें गर्व होगा कि आपके कंधों पर सितारे सजे हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि मेरी शुभकामनाएं हमेशा आपके साथ हैं। साल 2019 में पुलवामा में आतंकियों संग हुए एनकाउंटर में देहरादून के रहने वाले मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल शहीद हो गए थे। तब उनकी पत्नी नितिका कौल के साथ उनकी आखिरी मुलाकात ने सभी की आंखें नम कर दी थीं। आगे देखिए स्मृति ईरानी का ट्वीट

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शादी के सिर्फ 10 महीने बाद ही पति को खोने पर भी नितिका ने खुद की हिम्मत बनाए रखी। उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया। आज सेना में अफसर बन नितिका ने साबित कर दिया कि हौसला, जज्बा, लगन और मेहनत की बदौलत इंसान सारी बाधाओं पर विजय पा सकता है। ओटीए चेन्नई में अंतिम पग पार करते ही नितिका ढौंडियाल का सपना आखिरकार पूरा हो गया। अब वो शहीद पति की तरह देश की सेवा करेंगी। लेफ्टिनेंट नितिका ने पिछले साल इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा पास की थी। परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग ली। शनिवार को वो ट्रेनिंग पूरी कर सेना में शामिल हो गईं। 8 फरवरी 2019 में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद होने वाले मेजर विभूति ढौंडियाल का परिवार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के बैजरों के पास स्थित ढौंड गांव का रहने वाला है। उनका परिवार 1952 में देहरादून में बस गया था। विभूति के पिता और दादा दोनों ही राजपुर रोड स्थित एयरफोर्स के सीडीए कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे। तीन बहनों में सबसे छोटे 34 साल के मेजर विभूति शादी के महज 10 महीने बाद ही देश के लिए लड़ते हुए शहीद हो गए थे। पति की शहादत के बाद नितिका ने भी सेना में जाने की ठानी और आखिरकार अपने सपने को सच करने में कामयाब रहीं। परिजनों के मुताबिक हालात सामान्य होने पर वह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून आएंगी।



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