उत्तराखंड: तेलंगाना में दिखा देहरादून का दम..मिलिट्री कॉलेज से पासआउट होकर अफसर बने 3 युवा
तेलंगाना के एमसएएमई में बजा देहरादून के युवाओं का डंका। पासआउट होने वाले 28 कैडेट में से देहरादून जिले के 3 होनहार युवक भी शामिल हैं और तीनों ईएमई ब्रांच में लेफ्टिनेंट के तौर पर चुने गए हैं।
Jun 13 2021 8:31PM, Writer:Komal Negi
भारतीय सेना और देवभूमि का रिश्ता शुरुआत से ही अटूट रहा है। उत्तराखंड के होनहार युवाओं के लिए भारतीय सेना में सेवा देने का जुनून सिर पर सवार रहता है। आर्मी में जाने का सपना पाले यह हुनरमंद और काबिल युवा मेहनत और लगन के बल पर लगातार सेना में शामिल हो रहे हैं और हमको गौरवान्वित कर रहे हैं। उत्तराखंड के 3 और होनहार युवाओं ने आर्मी में जगह बना ली है और राज्य का नाम रौशन कर दिया है। हाल ही में तेलंगाना के एमसएएमई यानी कि मिलिट्री कॉलेज ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मेडिकल इंजीनियरिंग (तेलंगाना सिकंदराबाद) की पासिंग आउट परेड का आयोजन हुआ जिसमें देहरादून के 3 युवाओं ने राज्य और जिले के नाम का डंका बजा दिया है। मिलिट्री कॉलेज की पासिंग आउट परेड में देहरादून का दबदबा बरकरार रहा और यहां से पासआउट होने वाले 28 कैडेट्स में से तीन उत्तराखंड के देहरादून जिले से नाता रखते हैं। इनमें देहरादून के निवासी लेफ्टिनेंट दिव्यांश जोशी, मनुज चमोली एवं शेखर सती शामिल हैं और तीनों लो भारतीय सेना की ईएमई ब्रांच में लेफ्टिनेंट का पद सौंपा गया है।
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देहरादून के दिव्यांश जोशी के पिता भुवन चंद्र जोशी उत्तराखंड शासन में प्रथम श्रेणी के अधिकारी हैं और वे वर्तमान में प्रमुख निजी सचिव के पद पर कार्यरत हैं। दिव्यांश की बड़ी दो बहने हैं और वे दोनों भी इंजीनियर हैं। आपको बता दें कि दिव्यांश ने दून इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की और उसके बाद सेना में जाने का सपना पाले हुए उन्होंने संघर्ष किया और अपनी कड़ी मेहनत के बल पर वे आखिरकार भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित हो गए हैं और इसी के साथ उन्होंने देवभूमि का नाम गर्व से ऊंचा किया है। बात करें मनुज चमोली की तो वे देहरादून के क्लेमेंटाउन के निवासी हैं। अपने घर की सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए वे भी लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हो गए हैं। उनके पिता प्रमोद कुमार भी भारतीय सेना से ताल्लुक रखते हैं और वायु सेना से सेवानिवृत्त हैं। जबकि उनकी बहन हिमानी मेजर हैं। उन्होंने भी अपनी कड़ी मेहनत के चलतेभारतीय सेना में जगह बना ली है और उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। वहीं लेफ्टिनेंट शेखर सती देहरादून के जीएमएस रोड के रहने वाले हैं और उनके पिता गिरीश चंद्र सती डीआरडीओ में कार्यरत हैं जबकि उनकी मां पुष्प लता बैंक में कार्यरत हैं। उत्तराखंड के इन तीनों होनहार और मेहनती युवकों ने अपनी कड़ी मेहनत के चलते भारतीय सेना में जगह बना कर देवभूमि का नाम गर्व से रोशन किया है।