image: Chandra Vallabh benjwal passes away

दुखद: उत्तराखंड ने खो दिया अपना ‘वैक्सीन-मैन’, नहीं रहे चंद्रवल्लभ बेंजवाल..ब्लैक फंगस से मौत

बिबकोल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट चंद्रवल्लभ बेंजवाल ब्लैक फंगस से जंग हार गए। उनके निधन से कोरोना के खिलाफ लड़ाई के अभियान को तगड़ा झटका लगा है।
Jun 16 2021 10:54AM, Writer:Komal Negi

कोरोना काल में देश ने अपने कई होनहार लाल खो दिए। दुखद रूप से इन लोगों में वैक्सीन मैन के नाम से मशहूर चंद्रवल्लभ बेंजवाल का नाम भी शामिल हो गया है। चंद्रवल्लभ बेंजवाल पर स्वदेशी कोवैक्सीन बनाने की जिम्मेदारी थी। वो चोला स्थित बिबकोल कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट एवं प्रोजेक्ट हेड के तौर पर काम कर रहे थे। रविवार को दिल्ली के एक अस्पताल में ब्लैक फंगस के चलते उनका निधन हो गया। चंद्रवल्लभ बेंजवाल जैसे होनहार के निधन से उत्तराखंड को ही नहीं बल्कि पूरे देश को बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने बिबकोल कंपनी को कोवैक्सीन बनाने का आदेश दिया है। चंद्रवल्लभ बेंजवाल प्रोजेक्ट हेड होने के कारण कोवैक्सीन बनाने की तैयारियों में लगे हुए थे। उनके निधन से न सिर्फ उनकी कंपनी, उनके गांव बल्कि कोरोना से लड़ाई के अभियान को भी तगड़ा झटका लगा है

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: नौकरी पाने के लिए दोस्त ने दोस्त को पिलाया जहर, वारदात में पिता भी शामिल
चंद्रवल्लभ बेंजवाल उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बेंजी गांव के रहने वाले थे। वैक्सीन मैन के नाम से मशहूर चंद्रवल्लभ रिटायरमेंट के बाद गांव में बसना चाहते थे। पिछले साल उन्होंने पैतृक घर की मरम्मत भी करा ली थी, लेकिन उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई। बेंजी गांव निवासी पुरुषोत्तम बेंजवाल के पांच बच्चों में चंद्रवल्लभ सबसे बड़े थे। उन्होंने साल 1981 में हाईस्कूल और 1983 में इंटर पास किया। बाद में गोपेश्वर में उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की। इसके बाद वर्ष 1988 में कानपुर एचबीआईटी से बीटेक में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। आईआईटी मद्रास से पढ़ाई के बाद उनकी नियुक्ति भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीआईबीसीओएल) में हुई। वे वर्तमान में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट थे।

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में लापरवाही की हद, बॉर्डरों पर जांच नहीं..पर्यटक स्थलों पर उमड़े पर्यटक
उन्होंने ही केंद्र को इस बात का भरोसा दिलाया था कि बीआईबीसीओएल देश को सस्ती वैक्सीन दे सकता है। केंद्र ने उनकी कंपनी को वैक्सीन बनाने की इजाजत भी दे दी थी। वे अपने हर काम को पूरी ईमानदारी व जिम्मेदारी के साथ करते थे। वैक्सीन मैन ने देश को पोलियो मुक्त करने में भी अहम भूमिका निभाई। उनके ही नेतृत्व में पोलियो की दवा का निर्माण हुआ था। वो अक्सर कहते थे कि एक हल्की चूक लाखों जिंदगियों पर भारी पड़ सकती है। 26 अप्रैल को उनमें कोरोना की पुष्टि हुई। इलाज चल ही रहा था कि 24 मई को वो ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए। हर बाधा को हराने वाले चंद्रवल्लभ ब्लैक फंगस से जीत नहीं सके। रविवार को महज 54 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। वो कोरोना को हराने में अहम भूमिका निभाने वाले थे।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home