image: Serious allegations against Rudraksh Hospital in Dehradun

देहरादून: अस्पताल पर लगा नवजात बच्चे को बेचने का आरोप, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट अलर्ट

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को शक है कि दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग के बच्चे की खरीद-फरोख्त हुई है। इस मामले में पीड़ित के पिता और अस्पतालकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। आगे जानिए पूरा मामला।
Jun 22 2021 7:38PM, Writer:Komal Negi

देहरादून में दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग के बच्चे को बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग ने शहर के एक अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन ने कागजों में हेर-फेर कर नाबालिग के बच्चे को किसी और का बता दिया। दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर बच्चे के माता-पिता का नाम गलत दर्ज किया गया। आरोप है कि डिलीवरी के बाद अस्पताल ने बच्चे को मसूरी के एक दंपति को सौंप दिया। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को मामले में बच्चे की खरीद-फरोख्त का शक है। दंपति ने किस इरादे से बच्चे को अपने पास रखा, इसकी भी जांच की जा रही है। साथ ही दस्तावेज में फर्जीवाड़े के लिए अस्पताल संचालक और बच्ची के पिता के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। नाबालिग क्योंकि दुष्कर्म पीड़ित है, इसलिए पोस्को की धाराओं में भी आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जिला बाल कल्याण समिति की सूचना पर एक नवजात शिशु की खरीद-फरोख्त का मामला जानकारी में आया है।

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समिति की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि बच्चे को जन्म देने वाली लड़की नाबालिग है। 17 साल की नाबालिग के साथ किसी लड़के ने दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म के बाद लड़की प्रेग्नेंट हुई तो रिंग रोड स्थित रुद्राक्ष अस्पताल में उसकी डिलीवरी कराई गई। आरोप है कि डिलीवरी के दौरान ही दुष्कर्म पीड़ित के बच्चे को किसी और को सौंपने की तैयारी कर ली गई। अस्पताल प्रशासन ने भी मिलीभगत करते हुए बच्चा उसके बजाय मसूरी क्षेत्र के एक दंपति का दर्शा दिया और बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए दस्तावेज भेज दिए। वहीं जब मामले की जांच शुरू हुई तो शिकायत सही पाई गई। अब पुलिस ने पोक्सो और अन्य संबंधित धाराओं में बच्ची के पिता और अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमे में दीपक कुमार और अस्पताल की डॉ. मानवी को आरोपी बनाया गया है। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को मामले में नवजात की खरीद-फरोख्त होने का शक है। इसलिए नवजात बच्चे को अपना बताने वाले दंपति से भी पूछताछ की जा रही है।


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