उत्तराखंड: 2 साल पहले सेना में भर्ती हुआ था बृजेश रौतेला, तिरंगे में लिपटी आई पार्थिव देह
बीते दिन जैसे ही शहीद की पार्थिव देह उनके घर पहुंचाई गई, पिता दलवीर सिंह भी बिलख-बिलख कर रो पड़े, उन्हें बहुत मुश्किल से संभाला गया।
Jul 3 2021 7:44PM, Writer:Komal Negi
सेना के जांबाज जवान बृजेश रौतेला की अब सिर्फ यादें शेष रह गई हैं। महज 22 साल की उम्र में बृजेश रौतेला देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे गए। बृजेश का परिवार रानीखेत के ताड़ीखेत में रहता है। सरना गांव के रहने वाले जवान बृजेश रौतेला दो साल पहले कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। वो तीन महीने के लिए सिक्किम स्थित नाथुलापोस्ट पर तैनात थे, जहां बुधवार को ड्यूटी के दौरान बृजेश शहीद हो गए। जब से बेटे की शहादत की खबर घर पहुंची है पिता दलवीर सिंह गुमसुम हैं, वो भर्राए गले से कहते हैं कि बृजेश उनकी ही तरह देश की सेवा करना चाहता था। साल 2019 में वो केआरसी में भर्ती हुआ। परिवार का बेटा गौरवशाली सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा रहा था, हमें इस पर हमेशा गर्व रहेगा। ट्रेनिंग के बाद बृजेश को जम्मू के कुपवाड़ा में तैनाती मिली। इसके बाद उनकी पोस्टिंग असोम के हासिमआरा में हुई।
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वर्तमान में वो तीन महीने के लिए सिक्किम स्थित नाथुलापोस्ट पर तैनात थे। बुधवार को चौकी पर गोला-बारूद पहुंचाकर लौटते वक्त उनका वाहन दुर्घटना का शिकार हो गया। जिसमें बृजेश शहीद हो गए। बृजेश की शहादत की सूचना मिलने के बाद से गांव में मातम पसर गया। लोग सांत्वना देने उनके ताड़ीखेत स्थित आवास पर पहुंचने लगे। जवान बेटे की मौत की सूचना के बाद मां पुष्पा सुधबुध खो बैठी हैं। वह बार-बार बेहोश हो रही हैं। शहीद बृजेश सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर ताड़ीखेत पहुंच गया है। जैसे ही बृजेश की पार्थिव देह घर लाई गई, अब तक खुद को संभाले पिता दलवीर सिंह और ताऊ भारत सिंह बिलख पड़े। बदहवास मां पुष्पा देवी अपने जिगर के टुकड़े से मिलने के लिए दौड़ पड़ी। उन्हें बहुत मुश्किल से संभाला गया। अपने जांबाज सिपाही को विदाई देते वक्त पूरा ताड़ीखेत रो पड़ा।