कोरोना मृत्यु दर के मामले में दूसरे नंबर पर उत्तराखंड, अस्पतालों ने छुपाई 1210 मौत की रिपोर्ट
उत्तराखंड में सिर्फ कोविड जांच में ही नहीं कोविड से मौत के मामलों में भी झोल है। यहां 90 अस्पतालों ने 1210 मरीजों की मौत बैकलॉग में दर्ज कराई। कोविड मरीजों की मौत छिपाने में हरिद्वार जिला टॉप पर है।
Jul 6 2021 11:59AM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर ने हजारों लोगों की जान लील ली। हर दिन कोरोना से मौत के डराने वाले आंकड़े सामने आ रहे थे, लेकिन मुश्किल के इस वक्त में भी कुछ अस्पताल ऐसे थे, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभाई। इन अस्पतालों ने कोरोना से मौत के सही आंकड़े स्वास्थ्य विभाग को नहीं बताए। अब जब बैकलॉग मौतों का खुलासा हुआ है, तो पता चला है कि मृत्युदर के मामले में उत्तराखंड पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। ये देश का दूसरा ऐसा राज्य है, जहां कोरोना के चलते सबसे ज्यादा लोगों ने जान गंवाई। कोरोना की पहली लहर में 17 अक्तूबर 2020 को पहली बार 89 बैकलॉग मौतें सामने आई थीं। इसके बाद मई 2021 में 647 और जून में 474 कोविड बैकलॉग मौतों का खुलासा हुआ है। कोविड मरीजों की मौत छिपाने में हरिद्वार जिला टॉप पर है। यहां 21 अस्पतालों की ओर से 393 मरीजों की मौत की सूचना कई दिनों के बाद सरकार व स्वास्थ्य विभाग को दी गई। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के आधार पर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन (एसडीसी) ने जिलावार कोविड बैकलॉग मौतों की रिपोर्ट जारी की है। आगे पढ़िए
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रिपोर्ट के मुताबिक कुल बैकलॉग की मौतों में से 70 फीसदी मामले हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंहनगर जिले से हैं। देहरादून जिले में 19 अस्पतालों में 320, ऊधमसिंहनगर जिले में 17 अस्पतालों में 142 मौतें बैकलॉग की हैं। जिलावार बैकलॉग पर नजर डालें तो हरिद्वार में 21 अस्पतालों ने 393, देहरादून के 19 अस्पतालों ने 320, ऊधमसिंहनगर के 17 अस्पतालों ने 142 मौतों की सूचना समय पर नहीं दी। पिथौरागढ़ के दो अस्पतालों ने 76, नैनीताल के 9 अस्पतालों ने 67 और अल्मोड़ा के 04 अस्पतालों ने 57 मरीजों की मौत की जानकारी छिपाई। इसी तरह टिहरी के 4 अस्पतालों पर 42, पौड़ी के 3 अस्पतालों पर 42, रुद्रप्रयाग के 2 अस्पतालों पर 26, चंपावत के 4 अस्पतालों पर 17, उत्तरकाशी के 1 अस्पताल पर 13, बागेश्वर के 1 अस्पताल पर 12 और चमोली के 3 अस्पतालों पर 03 मरीजों की मौत के आंकड़े समय पर न देने के आरोप लगे हैं। प्रदेशभर के कुल 90 अस्पतालों ने 1210 मरीजों की मौत बैकलॉग में दर्ज कराई। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि कोविड से मौत की समय पर सूचना न देने वाले इन अस्पतालों के खिलाफ सरकार की तरफ से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।