गढ़वाल से सटी चीन सीमा पर नजर आए चीनी सैनिक, सक्रिय हुई सेना और इंटेलिेजेंस
बाड़ाहोती चीन बॉर्डर से सटा एरिया है। यहां रहने वाले ग्रामीणों ने चीनी सैनिकों को लेकर जो जानकारी दी है, वो यकीनन भारत की चिंता बढ़ाने वाली है।
Jul 22 2021 1:02PM, Writer:Komal Negi
बीते साल गलवान घाटी में चीन ने जो किया, उसे लेकर देशभर में आज भी आक्रोश है। लद्दाख में 15 जून को हुए सैन्य टकराव में भारत ने अपने 20 जांबाज खो दिए थे। इस घटना के बाद से भारत-चीन सीमा पर चीनी सेना की असामान्य गतिविधियों की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। सीमा पर जारी तनाव के बीच एक डराने वाली खबर चमोली जिले से आई है। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक यहां बाड़ाहोती क्षेत्र में चीनी सैनिकों की गतिविधियां देखी गई हैं। बाड़ाहोती चीन बॉर्डर से सटा एरिया है। यहां रहने वाले ग्रामीणों ने चीनी सैनिकों को लेकर जो जानकारी दी है, वो यकीनन भारत की चिंता बढ़ाने वाली है। स्थानीय लोगों के हवाले से बताया जा रहा है कि बाड़ाहोती क्षेत्र में 40 से अधिक चीनी सैनिक पहुंचे थे, जबकि घोड़े में सवार कुछ सैनिक होतीगाड़ तक आ गए। वो काफी देर तक यहां रुके रहे। चीन के सैनिकों की गतिविधियों की खबर लगते ही प्रदेश सरकार ने अपनी खुफिया एजेंसियों को चौकस कर दिया है।
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पड़ोसी देश की गतिविधियों को देखते हुए खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। हालांकि चमोली की डीएम और पुलिस अधीक्षक ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है। बाड़ाहोती के लोगों का दावा है कि 15-16 जुलाई को यहां चीनी सैनिक दिखाई दिए। कुछ सैनिक घोड़े पर सवार थे, और ये लोग होतीगाड तक पहुंच गए थे। कुछ देर यहां रुकने के बाद वो वापस लौट गए। आपको बता दें कि चीनी सैनिकों की नियंत्रण रेखा के भीतर घुसपैठ की खबरें पहले भी सामने आ चुकी हैं। बाड़ाहोती-माणापास में चीनी सैनिक कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन भारतीय सेना ने उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा करीब 345 किलोमीटर लंबी है। भारत की ओर से चीन सीमा क्षेत्र में सड़कों का विस्तार युद्ध स्तर पर किया जा रहा। चीनी सैनिकों की घुसपैठ की खबर के बाद माणा, नीति, मलारी और बाड़ाहोती घाटी की दर्जनों फॉरवर्ड पोस्ट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।