गढ़वाल: ऑलवेदर रोड ने इन परिवारों को कर दिया बेघर, बेसुध है प्रशासन
ये परिवार जिन घरों में रहते थे, उनमें दरारें पड़ गई हैं। आलम ये है कि तीनों परिवारों को बारिश के मौसम में बेघर होना पड़ा है। जिला प्रशासन भी बेघरों की कोई मदद नहीं कर रहा। आगे पढ़िए पूरी रिपोर्ट
Jul 28 2021 3:51PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में विकास के नाम पर बन रही सड़कों के निर्माण पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। कहीं सड़कें बनने से पहले ही बारिश में बह जाती हैं, तो कहीं सड़कों के निर्माण के वक्त आस-पास रहने वालों के हितों की पूरी तरह अनदेखी कर दी जाती है। अब रुद्रप्रयाग में ही देख लें। यहां ऑलवेदर रोड का निर्माण कार्य तीन परिवारों पर भारी पड़ गया। ये परिवार जिन घरों में रहते थे, उनमें दरारें पड़ गई हैं। आलम ये है कि तीनों परिवारों को बारिश के मौसम में बेघर होना पड़ा है। जिला प्रशासन भी बेघरों की कोई मदद नहीं कर रहा। मामला ऊखीमठ विकासखंड के कोरखी ब्यूंगगाड़ गांव का है। जहां एनएचएआई की लापरवाही तीन परिवारों पर भारी पड़ गई। दरअसल यहां केदारनाथ हाईवे पर ऑलवेदर रोड का कार्य कर रही निर्माणदायी संस्था आरजीबी के कटिंग कार्य से ग्रामीणों के आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिस वजह से पीड़ित परिवारों के सामने आशियाने का संकट खड़ा हो गया है।
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बरसात के सीजन में ये परिवार स्कूल भवन में रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि रोड निर्माण के दौरान मानकों की अनदेखी की गई। निर्माण कार्य से गुप्तकाशी से फाटा तक राजमार्ग पर कई लैंडस्लाइड जोन उभर आये हैं। कई पैदल मार्ग, पेयजल लाइन, बिजली पोल एवं स्कूल मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं, जिस वजह से केदारघाटी की जनता खासी परेशान है। कोरखी गांव में जिन तीन परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हुए, उनमें से एक मकान पीड़ित हिमांशु का भी है। वो कहते हैं कि पिछले दो महीने से पीड़ित परिवार स्कूल भवन में रह रहे हैं। सबसे ज्यादा समस्या बच्चों को लेकर है। पीड़ित दो महीने से मदद की आस में भटक रहे हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि के अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीणों के विस्थापन और मुआवजे को लेकर भारत सरकार को फाइल भेजी गई है। फिलहाल उन्हें स्कूल भवनों में ठहराया गया है।